रांची (RANCHI) : झारखंड में लंबे समय से नगर निकाय का चुनाव लंबित है. इन्हें समय पर नहीं कराया जा सका है. इसलिए नगर निकाय के पूर्व जनप्रतिनिधियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस पर झारखंड हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है.

क्या है झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

रांची नगर निगम की पूर्व पार्षद रोशनी खालको ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर लंबित पड़े नगर निकाय चुनाव को जल्द करने की मांग की थी. लंबी सुनवाई के बाद हाई कोर्ट में इस पर राज्य सरकार को आदेश दिया है कि जल्द से जल्द झारखंड में नगर निकाय के चुनाव कराए जाएं. झारखंड में लगभग 48 नगर निकाय हैं. जिनका चुनाव लंबित है. तीन सप्ताह में चुनाव की घोषणा करनी होगी.

मध्य प्रदेश का मामला बना बड़ा आधार

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का 2022 में आदेश काम आया है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार वाद में दिए गए फैसले का हवाला प्रार्थी रोशनी खलको के वकील ने दिया था. सरकारी पक्ष की भी दलील सुनने के उपरांत झारखंड हाई कोर्ट ने यह आदेश राज्य सरकार को दिया है. 2022 के अंतिम समय में सरकार ने नगर निकाय के प्रमुख पदों का रोस्टर जारी किया था. ऐसा लग रहा था कि जैसे सरकार चुनाव कराना चाहती है. लेकिन रांची नगर निगम के मेयर पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था. इसको लेकर विवाद हो गया. बाद में सरकार ने इस फैसले को बदल दिया और रांची नगर निगम के मेयर का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रह गया. मालूम हो कि अधिकांश नगर निकायों का कार्यकाल पिछले अप्रैल महीने में समाप्त हो गया. झारखंड हाईकोर्ट की जस्टिस आनंदा सेन‌ की अदालत ने यह आदेश दिया है. इस आदेश से नगर निकाय के चुनाव लड़ने वाले जन प्रतिनिधियों को खुशी हुई है.