रांची(RANCHI): झारखंड में चंपाई सोरेन को लेकर सियासत अपने उफान पर है. सभी राजनीतिक दल के नेता चंपाई को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है. इसी कड़ी में जयराम महतो ने भी चंपाई को लेकर अपनी बड़ी प्रतिक्रिया दी है. जयराम महतो ने अंदेशा जताया कि अब जल जंगल जमीन और खातियान की बात चंपाई नहीं करेंगे. बल्कि भाजपा के सिद्धांतों पर आगे की राजनीति पारी खेलना शुरू करेंगे.साथ ही चंपाई सोरेन को एक बड़ा आंदोलनकारी नेता बताया है.THE NEWS POST ने जयराम महतो से मौजूदा राजनीति पर फोन पर बात की है.
इस दौरान जयराम महतो से पहला सवाल झारखंड में चंपाई सोरेन के भाजपा में जाने से क्या प्रभाव पड़ेगा? इसपर जयराम महतो ने कहा कि चंपाई सोरेन एक बड़े आंदोलनकारी है, बड़े नेता है. लेकिन झारखंड का दिन नहीं बदला है. किसी भी नेता के दल बदलने से झारखंड को कोई फर्क नहीं पड़ता है. झारखंड आंदोलनकारियों की धरती है. लेकिन झारखंड में 24 वर्ष के बाद भी झारखंडी बदहाल है. किसी ने झारखंड के हित में कोई निर्णय नहीं लिया है.सिर्फ वादे के भरोसे अबतक झारखंडी दौड़ लगा रहा है.
वहीं दूसरा सवाल की क्या चंपाई अब जल जंगल जमीन के साथ खातियान की मांग को धार देंगे या नहीं. इस पर जयराम महतो ने कहा कि सभी राजनीतक दल का अपना अपना संविधान होता है. अब तक चंपाई सोरेन जल जंगल जमीन की बात जरूर करते थे. खातियान को लेकर मुखर होकर अवाज उठाते थे. लेकिन अब हालत कुछ और है. चंपाई सोरेन की शैली भाजपा में जाने के बाद बदली हुई दिखेगी.क्योंकि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसका एक अलग एजेंडा है. जरूर चंपाई सोरेन की भाषा और शैली में बदलाव आ जाएगा.
आगे जयराम ने कहा कि जब बाबूलाल मरांडी भी अपनी पार्टी में थे तो वह मुखर हो कर झारखंडी की हर बात को उठाते थे. हर आंदोलन में खड़े दिखते थे. लेकिन जब से भाजपा में शामिल हुए तो उनका क्या हुआ. भाजपा में जाने के बाद खातियान और सरना धर्म कोड की बात को घुमा कर बोलते है. कुछ इसी राह पर अब चंपाई सोरेन भी है.चंपाई सोरेन की भी मुखरता इन मुद्दों पर अब अलग तरीके से दिख सकती है.
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