TNP DESK- झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महा अधिवेशन में 108 पन्ने का राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया गया. जिसमें प्रमुख प्रस्ताव पर बात करें तो WAQF कानून, परिसीमन का विरोध, आदिवासी अधिकारों पर जंगल में रहने वाले को स्थाई पट्टा और झारखंड मुक्ति मोर्चा को झारखंड से बाहर उड़ीसा बंगाल और बिहार में मजबूत करना है.
अधिवेशन के दौरान राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया गया. जिसमें WAQF कानून के खिलाफ कैसे लड़ाई लड़नी है और कैसे इस पर कानूनी दाव पेंच होगा. इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.
उसके अलावा परिसीमन के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा मुखर होकर आवाज बुलंद करेगी. परिसीमन किसी भी कीमत पर लागू झारखंड में ना हो इस पर जोर दिया गया है. प्रस्ताव में जिक्र किया गया है कि परिसीमन हुआ तो आदिवासी सीट कम होगी जिसका नतीजा राज्य राज में आदिवासियों की और बदहाली होगी.
साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा को अब झारखंड से बाहर विस्तार करने पर जोर दिया गया राजनीतिक प्रस्ताव लाया गया जिसमें असम उड़ीसा और पश्चिम बंगाल तक संगठन के विस्तार करने का ऐलान किया गया है.
यह तीन राज्य वैसे है जहां आदिवासियों की संख्या कई विधानसभा क्षेत्र में काफी अधिक है जिस वजह से JMM अब इन राज्यों में अपने आप को मजबूत करने की कोशिश में लग गई है जिससे क्षेत्रीय पार्टी का टैग हटकर एक राष्ट्रीय पार्टी बन जाए.
रिपोर्ट: समीर हुसैन
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