रांची(RANCHI): झारखंड राज्य में आईएएस अफसरों की किल्लत चल रही है. राज्य में आईएएस अफसरों के 215 स्वीकृत पद हैं. इसके विपरीत मात्र 145 आईएएस अधिकारी ही कार्यरत हैं.  इसी बीच राज्य के 6 आईएएस अफसरों ने केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए राज्य सरकार को आवेदन दिया है. इन अधिकारियों में योजना व पंचायती राज सचिव राहुल शर्मा, कल्याण व परिवहन सचिव केके सोन, वाणिज्य कर सचिव अराधना पटनायक, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सचिव, प्रतीक्षारत ए मुत्थुकुमार, खाद्य सचिव हिमानी पांडेय शामिल हैं. इसी बीच जानकारी है कि राज्य सरकार ने राहुल शर्मा और ए मुत्थुकुमार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की अनुमति दे दी है. वहीं राहुल शर्मा की पत्नी और खाद्य सचिव हिमानी पांडेय का आवेदन अभी सरकार को नहीं मिला है. मगर, माना जा रहा है कि राहुल शर्मा की केंद्र में पोस्टिंग के बाद हिमानी पांडे का भी आवेदन राज्य सरकार को मिल सकता है.

क्यों केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते हैं अधिकारी

हाल के दिनों में झारखंड के कैडर से आईएएस अधिकारियों की ज्यादा संख्या में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय है. कथित तौर पर कहा जा रहा है कि राज्य की वर्तमान राजनीतिक उठापटक और केंद्रीय एजेंसियों की यहां बढ़ती दबिश के कारण कई आईएएस अधिकारी केंद्र सरकार में जाना चाह रहे हैं. इसके अलावा उनके और भी कारण हो सकते हैं.

आइए जानते हैं- क्या है केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति 

1955 की आइएएस नियमावली के मुताबिक राज्य से 40 प्रतिशत आईएएस अधिकारियों को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने का नियम है. आईएएस अधिकारियों को ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अलग-अलग राज्यों का कैडर मिलता है. मगर, केंद्र को भी अपने काम-काज चलाने के लिए इन अधिकारियों की जरूरत होती है. इसलिए केंद्र इन आईएएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति अलग-अलग राज्यों के कैडर से करती है. 1955 आईएएस नियमावली के मुताबिक हर राज्य के कैडर को अपने 40 प्रतिशत आईएएस अधिकारियों को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजना होता है. इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की अनुमति की जरूरी होती है. मगर, राज्य सरकार के पास वीटो का अधिकार होता है, जिसके जरीए वो किसी अधिकारी क केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से रोक सकता है.

झारखंड में अब तक सबसे ज्यादा अधिकारी हैं केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर

अभी झारखंड में कुल आईएएस अधिकारियों की बात करें तो राज्य में कुल 215 स्वीकृत पद पर मात्र 145 आईएएस अधिकारी ही कार्यरत हैं. तय कैडर स्ट्रेंथ के मुताबिक 48 आईएएस अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं.  लेकिन, स्ट्रेंथ कमी के कारण कम अफसरों ही जाते हैं. वर्तमान समय में इनमें से 14 अधिकारी पहले से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. झारखंड कैडर के अधिकारी पहले काभी भी इतनी बड़ी संख्या में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर नहीं रहे.

केंद्र ने आईएएस नियमावली में संशोधन का दिया प्रस्ताव

इसी साल जनवरी में केंद्र सरकार ने आईएएस नियमावली में संशोधन के लिए से प्रस्ताव तैयार किया था. इसके मुताबिक केंद्र बिना राज्य सरकार की अनुमति के बिना भी आईएएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति केंद्र में कर सकती है. हालांकि, यह बिल अभी प्रस्तावित है और इसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रधानमंत्री को अपनी नाराजगी जता चुके हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि बिना राज्य सरकर की अनुमति के बिना अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति केंद्र और राज्य के संबंध को प्रभावित करेगा.