टीएनपी डेस्क (TNP DESK): छठ महापर्व के दौरान झारखंड और बिहार में श्रद्धा के बीच कई घरों में मातम छा गया. बीते दो दिनों में दोनों राज्यों में डूबने की कई दर्दनाक घटनाएं सामने आईं. झारखंड में सात जिलों से 27 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि बिहार में यह आंकड़ा 106 तक पहुंच गया है. कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. अधिकांश हादसे स्नान या अर्घ्य देने के दौरान डेंजर जोन पार करने से हुए.
झारखंड में 27 की मौत, कई लापता
झारखंड के हजारीबाग जिले में केरेडारी की पम्मी देवी (26) की स्नान के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई. वे अपने मायके बेंगवरी आई थीं. वहीं, कोडरमा जिले के चिकलावर गांव में व्रती उमेश यादव (40) की कुंडा आहर में डूबने से जान चली गई.
रांची के मधुकम तालाब में डूबने से सचिन चौरसिया (21) की मौत हो गई. हजारीबाग और कोडरमा जिलों में कुल नौ लोगों की जान गई.
गिरिडीह जिले में भी कई दर्दनाक हादसे हुए :
पचंबा थाना क्षेत्र के लोपिट्टी लाछो अहरी में आयुष कुमार (12) डूब गए.
धनवार थाना क्षेत्र में तीन लोगों, जरीसिंघा के राजेश ठाकुर (28), घोषणडीह के धीरज साव (18) और चितरडीह के नंदलाल साव (42), की डूबने से मौत हुई.
जमुआ प्रखंड के प्रांचीडीह गांव में अंशु कुमारी (14) की जान चली गई, जबकि भरकट्टा ओपी के पिपराडीह गांव में दीपक तुरी (7) डूब गया.
हीरोडीह में दिलीप राय (45) की भी मौत हो गई.
कोडरमा के मरचोई गांव में लव कुमार (16), गढ़वा में राहुल (13) और पलामू के हुसैनाबाद में अंकुश पासवान (22), आदर्श चंद्रवंशी (22) और रजनीश (23) की सोन नदी में डूबने से मौत हुई. नैतिक चौहान (17) अब भी लापता है.
जमशेदपुर में चांडिल के स्वर्णरेखा नदी घाट पर सोमवार की शाम बड़ा हादसा हुआ. संजय यादव (45), उनके बेटे प्रतीक यादव (19) और भांजे आर्यन यादव (12) की डूबकर मौत हो गई. तीनों के शव गोताखोरों की मदद से निकाले गए.
बिहार में 106 की मौत, 10 लापता
बिहार में भी छठ के दौरान कई दर्दनाक हादसे सामने आए. राज्य के 30 जिलों में कुल 106 लोगों की डूबने से मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 10 लोग अब भी लापता हैं.
सबसे ज्यादा मौतें पटना (11), नालंदा (8) और वैशाली (7) जिलों में दर्ज की गईं. औरंगाबाद (5), गया (4), मधुबनी (5), दरभंगा (4), मोतिहारी (4) और सीतामढ़ी (3) में भी कई लोगों की जान गई. उत्तर बिहार के जिलों में हालात सबसे ज्यादा गंभीर रहे. मीनापुर और मोतीपुर (मुजफ्फरपुर) में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई, जबकि एक व्यक्ति का अब तक कोई पता नहीं चल सका है.
आस्था के इस पर्व में जहां श्रद्धालु छठी मइया की पूजा में लीन रहे, वहीं कई परिवारों ने अपनों को खो दिया. प्रशासन ने भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी बढ़ाने की बात कही है.

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