टीएनपी डेस्क(TNP DESK): 10 दिनों तक आयकर विभाग की चल रही छापेमारी खत्म होने के बाद धीरज साहू का बयान सामने आया है. इस बीच धीरज साहू पर कई आरोप- प्रत्यारोप लगाए लगे. किसी ने कहा कि ये कॉंग्रेस का पैसा है तो किसी ने कहा आगामी चुनाव में इस पैसा का इस्तेमाल होने वाला था. लेकिन अब धीरज साहू ने मीडिया के सामने आकर अपना बयान जारी किया है. लेकिन आपको बता दें कि धीरज साहू के बयान आने से पहले THE NEWS POST ने आयकर की छापेमारी में जब्त 350 करोड़ का हिसाब बताया था. द न्यूज पोस्ट ने बताया था कि 350 करोड़ रुपये तो धीरज साहू की हाथ का मैल है. देश के सबसे बड़े शराब कारोबारी में धीरज साहू का नाम शामिल है. ऐसे में उनके पास से 350 करोड़ की रकम मिलना आम बात है. और इसी बात की पुष्टि धीरज साहू ने भी की है.
कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल का नहीं परिवार का ही पैसा
धीरज साहू ने बयान जारी कर कहा कि जो हुआ है वह दुखी कर रहा है. धीरज साहू ने यह स्वीकार किया है कि जो पैसा बरामद किया गया है वह उनकी कंपनी का है. सारी नगदी जो बरामद की गई है, वह उनकी शराब कंपनी से संबंधित है. इस पैसे का कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है. जिस प्रकार की बातें की जा रही है सत्य नहीं है. सारा पैसा उनका नहीं है.इसमें परिवार और अन्य संबंधित कंपनियों का है.धीरज साहू ने आगे यह भी कहा कि जितने पैसे बरामद किए गए हैं उनका वे हिसाब दे देंगे.
जो पैसे जब्त किए गए हैं वे शराब कारोबार के पैसे हैं
सांसद धीरज साहू ने अपने बयान में कहा कि वे जॉइन्ट परिवार में रहते हैं. परिवार में छह भाई और उनके बच्चे हैं. उनके घर का पूरा कारोबार उनके भाई और भतीजे देखते हैं. उन्होंने कहा कि उनका शराब का जो कारोबार है वो पूरी तरीके से सार्वजनिक है. और इस कारोबार को उनके फैमिली के लोग ही चलाते हैं. बलदेव साहू-शिव प्रसाद साहू एंड संस और रितेश साहू नामक फर्म उनके रिश्तेदार का है. धीरज साहू ने बताया कि शराब का पूरा कारोबार कैश में होता है इसलिए ये जो पैसे मिले हैं ये शराब कारोबार के ही पैसे हैं. उन्होंने कहा कि समय आने पर परिवार वाले उसका हिसाब आयकर विभाग को देंगे. और इस संबंध में जब भी उनसे पूछताछ की जाएगी वे इसका जवाब जरूर देंगें.
देश के कई कोने में इनका चलता है शराब का कारोबार
बता दें कि सांसद धीरज साहू ने 1977 से राजनीति के क्षेत्र से जुड़े हैं. इनके पिता भी अंग्रेजों के समय के बहुत बड़े जमींदार और सामजसेवी थे. झारखंड के लोहरदगा से शुरू हुआ इनका शराब का कारोबार आज देश के सभी कोने में फैला है. ओडिसा में सबसे अधिक शराब का ठेका साहू परिवार का ही है. साथ ही झारखंड, बिहार, बंगाल, तेलंगाना और अन्य राज्यों में भी कारोबार फैला हुआ है. हर दिन करोड़ों रुपये नगद में साहू परिवार के कंपनी के पास पहुंचते हैं. इसके अलावा ओडिसा में और भी कई कारोबार साहू परिवार के फैले हुए हैं. बताया जाता है कि स्कूल, अस्पताल होटल समेत कई चीजों में इनके परिवार का पैसा लगा हुआ है. धीरज साहू ने कहा- ‘यह पैसा व्यक्तिगत रूप से मेरा नहीं है. यह परिवार से जुड़ी कंपनी का है.
छह दिसंबर से चल रही थी छापेमारी
बता दें कि आयकर विभाग ने सांसद धीरज साहू के यहाँ अलग अलग जगहों पर छह दिसंबर से छापेमारी शुरू की थी. इस दौरान करोड़ों कैश और जेवरात बरामद किए गए. आयकर विभाग ने बहुमूल्य धातु सोना चांदी जैसी चीज जमीन के अंदर भी या दीवारों में छुपा कर रखी गई होगी, इसके लिए रांची के रेडियम रोड स्थित आवास पर जिओ सर्विलेंस सिस्टम लगाया गया था. विशेष प्रकार की मशीन के माध्यम से यह तलाशा जा रहा था कि कहीं कोई बहुमूल्य धातु तो नहीं छुपा कर रखी गई. उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग को इस प्रकार की जानकारी मिली हथी कि बड़ी मात्रा में ज्वेलरी भी रखी गई है. इसके लिए आयकर विभाग की टीम ने जिओ सर्विलेंस सिस्टम लगाकर रांची और लोहरदगा स्थित उनके घर की भी तलाशी ली.
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