रांची(RANCHI): आम तौर पर कोई भी बड़ा से बड़ा धनकुबेर अपने घर पर पैसा ज्यादा नहीं रखता है. अगर आप टाटा बिरला के यहाँ भी जाएंगे तो वहां इतना नगद पैसा नहीं मिलेगा जितना एक सांसद के ठिकानों पर मिल रहा है. तीन दिन से पैसे की गिनती की जा रही है अब मशीन भी थक गई लेकिन पैसा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.जिस अलमीरा और बक्से को हाथ लगाया जा रहा है वहाँ से सिर्फ पैसे की गड्डी निकल रही है.इसे देख इनकम टैक्स के अधिकारी भी हैरान है और बैंक के कर्मचारी पैसा गिन-गिन कर थक गए है.आप अंदाजा लगा सकते है कि तीन दिनों में भी दर्जनों मशीन इस पूरे पैसे की गिनती नहीं कर सकी है तो कितना काला माल इनके पास मौजूद होगा.
किसका है इतना पैसा
दरअसल बुधवार को राज्यसभा सांसद धीरज साहू के रांची,लोहरदगा और ओडिस के पाँच ठिकानों पर आयकर विभाग ने दबिश बनाई है. यह छपमारी तीन दिनों के बाद भी जारी है.मजे की बात यह है कि इस छापेमारी में अब तक तीन सौ करोड़ रुपये की गिनती हो चुकी है,अरबों खरबों के प्रॉपर्टी के दस्तावेज सामने आए है. अब इतना तो आयकर के हाथ लगा है और कितना पैसा इनके पास है यह धीरज साहू को ही जानकारी होगी.इसी लिए अब धीरज साहू की चर्चा पूरे देश में हो रही है. जिसने भी पैसे से भरी अलमिरा की तस्वीर देखि वह यही सोचने लगा की आखिर नेता गरीबों की बात करते है लेकिन यह पैसा किसका है.
झारखंड में और कितने धीरज साहू
टैक्स में हेरा फेरी कर इस पैसे को जमा किया गया है.जितना पैसा बरामद किया गया है उससे कई गाँव और शहरों की तस्वीर बदल सकती है. धीरज साहू सच में समाज की सेवा करना चाह रहे थे तो वह अपने क्षेत्र की थोड़ी बदहाली जरूर बदल सकते थे.लोहरदगा की पहचान एक नक्सल ग्रस्त जिले और पिछड़ेपन से होती है. बावजूद इसके इसी लोहरदगा में धनकुबेर बैठे है. जिनके ठिकानों पर अरबों रुपये मिल रहे है.अब साफ है कि अगर आयकर छापेमारी कर तो झारखंड में कई धीरज साहू सामने आसकते है.
गरीब बदहाल अधिकारी और नेता मालामाल
लेकिन इस छापेमारी से एक बात सब के सामने आगई की आखिर कैसे पिछड़े राज्य में काला धन की कालाबाजारी की जा रही है. यहाँ के गरीब एक किलो अनाज के लिए घंटों दूरी तय कर सरकारी दुकान पर जाते है एक हजार रुपये पेंशन के लिए दिन भर बैंक की लाइन में लगे रहते है.लेकिन धीरज साहू के पैसे को देख कर सभी के होश उड़ गए है. लोग सोच रहे है कि क्या पिछड़े झारखंड में सिर्फ आम आदमी बदहाल है नेता और अधिकारी तो मालमाल है.
कहां मिला पैसा
ओडिसा के बालंगीर स्तिथबलदेव साहू एंड ग्रुप कंपनी के दफ्तर से 150 करोड़,सम्बलपुर के कॉर्पोरेट ऑफिस से 150 करोड़ नगद जब्त हुआ है. इसके अलावा रांची और लोहरदगा में धीरज साहू से जुड़े ठिकानों से कई संपत्ति के दस्तावेज बरामद किये गए है. बताया जा रहा है कि धीरज साहू के रिस्तेदारों के नाम ओडिसा में शराब की कई कंपनियां है. इसमें डिस्टलरी प्रा. लिमिटेड, बलदेव साहू इंफ्रा लिमिटेड,क्वालिटी बटलर्स प्रा. लिमिटेड, और किशोर प्रसाद विजय प्रसाद विजय प्रसाद वेबरेज प्रा. लिमिटेड का नाम शामिल है.
कौन है धीरज साहू
धीरज साहू झारखंड से राज्यसभा के सांसद है. वह तीसरी बार सांसद चुने गए है.राजनीतिक के अलावा धीरज साहू के परिवार के पुराना कारोबार है. शराब के कारोबार में भी धीरज साहू के पिता के समय से ही चलता आरहा है.मूल रूप से यह झारखंड के लोहरदगा के रहने वाले है. अधिकतर कारोबार ओडिसा में चलता है. साथ ही झारखंड में कई बड़े कारोबार में इनका हिस्सा होने का दावा किया जाता है.
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