टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश में अग्निपथ योजना के विरोध में बवाल मचा हुआ. युवा सड़कों पर उतर आए हैं. वे कहीं सड़क जाम कर रहे हैं तो कहीं रेल जाम कर रहे हैं. कई जगह विरोध हिंसा और आगजनी तक भी पहुंच चुका है. उनके इस विरोध का सबसे ज्यादा खामियाजा भारतीय रेलवे को भुगतना पड़ रहा है. प्रदर्शनकारी रेल तो रोक ही रहे हैं, साथ ही साथ ट्रेनों में आग भी लगा रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों से आग की लपटों में सिमटे हुए कई ट्रेनों की तस्वीरें आ रही हैं. बोगियां, इंजन सभी फूंकी जा रही हैं. ऐसे में भारतीय रेलवे को काफी नुकसान हो रहा है. क्या आपको पता है कि जिन बोगियों और इंजनों को फूंका जा रहा है, उन्हें बनाने में कितना खर्च आता है. अगर, नही पता तो हम आपको बताते हैं.

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ट्रेन की बोगी बनाने में आने वाला खर्च

अगर विभिन्न अखबारों की मानें तो ट्रेन के एक एसी कोच की लागत 2.8 से 3 करोड़ रुपए के बीच होती हैं. वहीं स्लीपर कोच की लागत 1.25 करोड़ आती है. वहीं जो सबसे सस्ता जनरल कोच होता है उसकी लागत 1 करोड़ रुपए होती है.  वहीं जो 100 लोगों की कैपेसिटी वाला जनरल सेकंड क्लास कोच होती है उसे बनाने में 2.24 करोड़ रुपए लगते हैं.

इंजन बनाने में होता है सबसे ज्यादा खर्च

ट्रेन में सबसे ज्यादा खर्च ट्रेन के इंजन को बनाने में आता है. एक ड्यूल मोड लोकोमोटिव इंजन को बनाने में करीब 18 करोड़ रुपए आती है. वहीं 4500 हॉर्सपावर के डीजल लोकोमोटिव इंजन की लागत करीब 13 करोड़ रुपए आता है.

इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि एक ट्रेन में आग लगने से सरकार को कितना नुकसान होता होगा, वहीं जब ऐसे प्रदर्शन में कई सारे ट्रेनों में आग लगाई जाती है तब कितना नुकसान होता है.