रांची(RANCHI): एक समय था जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था. क्योंकि उस समय ना देश में गरीबी थी और ना ही भुखमरी. फिर विदेशी आक्रमण हुए. देश को लूटा गया. देश की हालत खराब होती रही. अंत में जब देश को आजादी मिली तो लगा कि अब सब सुधार जाएगा. आजादी के 75 साल हो गए हैं. मगर, देश में गरीबी कम होने की बजाए बढ़ती ही जा रही है. हम इस बारे में डाटा पर बात करेंगे. क्योंकि सरकार ने लोकसभा में गरीबी रेखा से जुड़ा डाटा पेश किया है. इस डाटा के मुताबिक देश के 20 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं. मगर, अब सवाल है कि आजादी के समय देश की 80 फीसदी जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे आती थी. मगर, अभी सिर्फ 22 फीसदी आबादी ही गरीबी रेखा के नीचे हैं. तो इसमें तो सुधार ही हुआ. तो जवाब है कि हां सुधार हुआ है. फीसदी के मामले में सुधार जरुर हुआ है. मगर, जनसंख्या की बात करें तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है. आजादी के वक्त देश की 25 करोड़ की आबादी गरीबी रेखा के नीचे आती थी. मगर, आज के डाटा के अनुसार, देश की 26.9 करोड़ आबादी गरीब है.

इन राज्यों में सबसे ज्यादा गरीब

लोकसभा में ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से बताया गया कि 2011-12 की गणना में 21.9 फीसदी लोग गरीब हैं. मगर, उसके बाद से अब तक इसकी कोई गणना नहीं की गई. सरकार द्वारा अगर गरीबी रेखा की परिभाषा की बात करें तो  इसके मुताबिक, गांवों में अगर कोई हर महीने 816 रुपये और शहर में 1000 रुपये खर्च कर रहा है, तो वो गरीबी रेखा से नीचे नहीं आएगा. देश में अभी भी करीब 22 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, यानी 100 में से 22 लोग ऐसे हैं जो महीने के हजार रुपये भी खर्च नहीं कर पाते हैं. 

देश में सबसे ज्यादा गरीब छतीसगढ़ राज्य से आते हैं. छतीसगढ़ राज्य की 40 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे आते हैं. वहीं झारखंड, मणिपुर, अरुणाचल, बिहार, ओडिशा, असम, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां की 30% या उससे ज्यादा आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीती है. यानी, इन राज्यों में हर 10 में से 3 लोग गरीबी रेखा से नीचे आते हैं. 

झारखंड की 30 फीसदी आबादी गरीब

केंद्र सरकार के आंकड़ों की बात करें तो झारखंड की 30 फीसदी आबादी गरीब है. यानि कि राज्य के हर 10 व्यक्ति में से 3 व्यक्ति गरीब हैं. मगर, जानकर हैरानी होगी कि झारखंड में सबसे ज्यादा मामले घोटाले के आते हैं. सरकार गरीबों के उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू करती है. मगर, ये योजनाएं गरीबों तक पहुंचने से पहले ही किसी घोटाले या भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ चुके होते हैं. इसके कारण राज्य में गरीबों की स्थिति सुधरने की बजाए और बिगड़ती चली जा रही है. राज्य में सबसे ज्यादा खनिज मिलते हैं. इससे राज्य के साथ ही देश को भारी राजस्व मिलता है. मगर, इसके बावजूद भी राज्य में गरीबों की स्थिति एक बड़ा सवाल खड़ा करती है.