टीएनपी डेस्क(TNP DESK): असम के विभिन्न जिलों में भारतीय-उप महाद्वीप (एक्यूआईएस) में अल-कायदा द्वारा संचालित किए जा रहे एक गहरे नेटवर्क का इनपुट गृह मंत्रालय को मिला है. ये इनपुट मिलने के साथ ही गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मॉड्यूल का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से संपर्क किया है.

एनआईए की एक एफआईआर में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि एक्यूआईएस का मॉड्यूल "असम के विभिन्न जिलों में सक्रिय" था, जिसके बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के साथ संबंध थे. 2014 में स्थापित प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-कायदा की एक शाखा AQIS कथित तौर पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बर्मा और बांग्लादेश में सक्रिय है. समूह इस्लामिक राज्य स्थापित करने के लिए जिहाद छेड़ना चाहता है.

आतंकी मॉडुल का ये था मकसद  

प्राथमिकी के अनुसार, मॉड्यूल का उद्देश्य भारतीय क्षेत्र में आतंक का प्रचार करना, समान विचारधारा वाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और भारत के संघ के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए भर्ती करना है, ताकि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को 'नियम' स्थापित करके उखाड़ फेंका जा सके. भारत में खिलाफत' (शरिया कानून) के साथ-साथ भारत के साथ मैत्रीपूर्ण शर्तों पर एक एशियाई पड़ोसी बांग्लादेश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए भारत के रंगरूटों की मदद से 'गज़वा-ए-हिंद' को लागू करना इसका मुख्य उद्देश्य है. 'गजवा-ए-हिंद' एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल आतंकी संगठन भारत के खिलाफ धार्मिक पवित्र युद्ध के रूप में अपने दुस्साहसिक आतंकी हमलों को सही ठहराने के लिए करते हैं.

मदरसों पर एक्शन करने के बाद संगठनों ने उठाया ये कदम  

यह कदम भारतीय अधिकारियों द्वारा असम में कथित रूप से "जिहादी" गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दो मदरसों को नष्ट करने के बाद आया है. बारपेटा जिले में एक मदरसा 29 अगस्त को नष्ट कर दिया गया था, क्योंकि इसे एक्यूआईएस द्वारा एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने का दावा किया गया था और बोंगाईगांव जिले में दूसरे को 31 अगस्त को ध्वस्त कर दिया गया था. सूचना प्राप्त हुई थी कि भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) में अल-कायदा का एक मॉड्यूल असम के विभिन्न जिलों के साथ-साथ गोलपारा में भी सक्रिय था.