टीएनपी डेस्क(TNP DESK): आमतौर पर ख़बरों से परे रहने वाला देश फिर चर्चा में है. जापान में साल 2008 में 08 जून को सात लोगों की हत्या के दोषी तोमोहिरो काटो को मंगलवार को फांसी दे दी गई. सामूहिक हत्याकांड के समय काटो 25 वर्ष का था.काटो ने अकिहाबारा जिले में दोपहर के भोजन के समय पैदल चलने वालों की भीड़ पर ट्रक चढ़ा दिया था. इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी.इसके बाद उसने राहगीरों पर तेज धारदार चाकू से हमला कर चार और लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
इस हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. काटो के इस कृत्य की तुलना आतंकवादी घटना से की गई थी.निचली अदालत ने सभी साक्ष्यों पर गौर कर इस कृत्य को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानते हुए उसे वर्ष 2011 में मौत की सजा सुनाई थी. 2015 में जापान के सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा था. जापान में इस वर्ष मौत की सजा पाने वाला काटो पहला व्यक्ति है.पिछले वर्ष भी तीन लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है. जापान उन विकसित देशों में शामिल है जहां पर अब भी मौत की सजा का प्रावधान है. जापान में 100 से अधिक दोषी कोर्ट से मौत की सजा पाने के बाद अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
काटो एक बैंकर का बेटा था.हाई स्कूल करने के बाद वह ग्रेजुएशन के फाइनल एग्जाम में पास नहीं हो सका था.इसके बाद उसने ऑटो मैकेनिक का काम सीखा था. हालांकि इस घटना के बाद काटो को अपनी गलती का पछतावा भी हुआ और इसके लिए उसने माफी भी मांगी थी. इस वारदात के बाद जापान में दोहरी धार का साढ़े पांच सेंटीमीटर से बड़ा चाकू रखने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस कानून को तोड़ने वालों के खिलाफ तीन साल की सजा और पांच लाख येन का फाइन लगाने का प्रावधान किया गया था.
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