टीएनपी डेस्क(TNP DESK): दिल्ली में सोमवार को किसानों की एक महापंचायत की गई. इसे लेकर दिल्ली पुलिस के जवान जगह-जगह पर तैनात हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) द्वारा सोमवार को जंतर-मंतर पर बुलाई गई 'महापंचायत' में भाग लेने के लिए भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच विभिन्न राज्यों से सैकड़ों किसान दिल्ली पहुंचने लगे. किसान नेताओं ने दावा किया कि कुछ स्थानों पर किसानों को जंतर-मंतर तक पहुंचने से रोका जा रहा है. वहीं इस दावे का दिल्ली पुलिस ने खंडन किया है.
किसान नेताओं ने कहा कि महापंचायत एक दिवसीय शांतिपूर्ण आयोजन है, जहां हम एमएसपी पर कानूनी गारंटी और बिजली संशोधन विधेयक 2022 को रद्द करने जैसी अपनी मांगों को दोहराएंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि पुलिस को जंतर-मंतर पर 'महापंचायत' की अनुमति देना अभी बाकी है.
पुलिस से नहीं ली गई अनुमति
बता दें कि दिल्ली पुलिस की ओर से महापंचायत की अनुमति नहीं दी गई है. फिर भी सैंकड़ों की संख्या में किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं. खबर है कि जंतर-मंतर पर किसानों ने दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिग भी तोड़ दी है. डीसीपी के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित महापंचायत को लेकर टिकरी बॉर्डर समेत सभी सीमावर्ती इलाकों में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है.
4 बजे तक चलना है महापंचायत
बता दें कि सोमवार को शाम 4 बजे तक महापंचायत चलना है. इस महापंचयत में किसानों की मांग है कि लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ मिले और जेलों में बंद किसानों की रिहाई हो. लखीमपुर खीरी कांड को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को गिरफ्तार किया जाए. स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार, MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए. देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए. इसके साथ ही बिजली बिल 2022 के नियम को रद्द किया जाए.
किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्सों से किसान दिल्ली पहुंच गए हैं और कई लोग महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने हमारी सभी मांगों पर विचार करने का वादा किया था लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. इसलिए हम यहां फिर से चर्चा करने और अपनी मांगों को उठाने और आंदोलन की भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए हैं.
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