टीएनपी डेस्क(TNP DESK): काफी समय से बात चल रही थी कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट एज यानि सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाई जा सकती है. अब इस चर्चा पर केंद्र सरकार ने फूल स्टॉप लगा दिया है. संसद के मॉनसून सत्र में एक सांसद ने सरकार से इस बारे में सवाल पूछा था. इसके बाद विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने इस सवाल का लिखित जवाब दिया है. इस लिखित जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि शीर्ष और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है.  

2010 में पेश की गयी थी विधेयक

बता दें कि संविधान के मुताबिक, हाईकोर्ट के न्यायाधीश की रिटायरमेन्ट आयु 62 वर्ष है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों के लिए यह आयु सीमा 65 वर्ष है.  केन्द्रीय मंत्री के जवाब में बताया गया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल तक करने का एक विधेयक 2010 में पेश किया गया था. मगर, उस समय उस विधेयक पर संसद ने विचार नहीं किया था. इसके बाद 2014 में 14वीं लोकसभा के कार्यकाल पूरा होने के साथ ही वह विधेयक भी निष्प्रभावी हो गया.

सांसद ने अपने सवाल में पूछा था कि क्या हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेन्ट आयु में 2 सालों की वृद्धि पर सरकार विचार कर रही है? इसके जवाब में केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.