टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : आए दिन पुलिस पर हमले की खबरें सामने आ रही है. अपराधियों को मनोबल बढ़ा हुआ है. ऐसा लग रहा जैसे अब वर्दीधारी भी सेफ नहीं है. अब ताजा मामला बिहार के भागलपुर से सामने आ रहा है. जहां सिविल ड्रेस और निजी वाहन से पहुंचे सब इंस्पेक्टर दुबे देवगुरु समेत चार पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और पथराव भी किया. भागने की कोशिश में सब इंस्पेक्टर देवगुरु ग्रामीणों के कब्जे में आ गए, जिनकी जमकर पिटाई की गई. उनके सिर में गंभीर चोट आई है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. दरअसल पूरा मामला पीरपैंती थाना क्षेत्र के लकड़कोल गांव की है. जहां अपहरण की सूचना पर छापेमारी करने गई कहलगांव पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला किया है.

ग्रामीणों ने DSP को भी दौड़ाया

घटना की सूचना मिलते ही दूसरी पुलिस टीम मौके पर पहुंची. इसमें कहलगांव थाने के सब इंस्पेक्टर शत्रुघ्न कुमार, एनटीपीसी थानेदार सुशील कुमार और डीएसपी कल्याण आनंद शामिल थे. लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने उन पर भी हमला कर दिया. पुलिसकर्मियों को जान बचाने के लिए जूते-चप्पल छोड़कर भागना पड़ा. घायल अधिकारियों और जवानों को इलाज के लिए एनटीपीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सब इंस्पेक्टर देवगुरु को आईसीयू में रखा गया है. वहीं, कुछ पुलिसकर्मियों को शनिवार को मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.

मामले को लेकर जानिए पुलिस ने क्या कहा-

कहलगांव के सब इंस्पेक्टर डब्लू कुमार ने बताया कि-‘हम अपहरण के एक मामले की सूचना मिलने पर छापेमारी करने पीरपैंती के लकड़कोल गए थे. अपहृत व्यक्ति को वहाँ से छुड़ाकर ला रहे थे. तभी 20-25 ग्रामीणों ने हम पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया. घटना के पीछे चार साल पुराना ट्रक चोरी का मामला बताया जा रहा है. राजेश यादव लकड़कोल गाँव का रहने वाला है. शुक्रवार सुबह वह वैष्णो देवी से लौटकर नवगछिया स्टेशन से सबौर की ओर जा रहा था. रास्ते में उसे ट्रक चोरी का आरोपी सन्हौला निवासी विजय भगत दिखाई दिया. राजेश विजय को पकड़कर गाँव ले आया और पंचायत की. विजय ने कहा कि वह पैसे लौटा देगा. इसी बीच विजय ने अपने परिजनों को फोन करके पुलिस को अपने अपहरण की सूचना दे दी.

पुलिस टीम को अपराधी समझकर किया हमला

सूचना के आधार पर कहलगांव थाने की टीम एक निजी वाहन और सादे कपड़ों में वहाँ पहुँची. गाँव के प्रवेश द्वार पर राजेश को देखकर पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की. बताया जाता है कि एक पुलिसकर्मी द्वारा गोली चलाने पर राजेश ने पत्थर भी फेंका. शोर सुनकर सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए और पुलिस टीम को अपराधी समझकर उनकी पिटाई कर दी.