टीएनपी डेस्क(TNP DESK): वाराणसी कोर्ट ने शुक्रवार को हिंदू पक्ष की कार्बन डेटिंग और ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे में मस्जिद परिसर में 'शिवलिंग' की सभी वैज्ञानिक जांच की मांग को खारिज कर दिया है. हिंदू पक्ष ने एक संरचना की कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जिसे उन्होंने शिवलिंग होने का दावा किया था. हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने तर्क दिया कि यह वुज़ू खाना के अंदर सिर्फ एक फव्वारा था.
11 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया
बता दें कि पिछले हफ्ते ही अदालत ने संरचना की कार्बन डेटिंग की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई की थी. जो हिन्दू याचिकाओं के अनुसार ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एक निचली अदालत के निर्देश पर किए गए वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान मिली थी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद मुस्लिम पक्ष से 11 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा था.
'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच की मांग
दरअसल, 29 सितंबर को हिंदू पक्ष ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच और 'अर्घा' और उसके आसपास के क्षेत्र की कार्बन डेटिंग की मांग की थी. कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो किसी पुरातात्विक वस्तु या पुरातात्विक खोजों की आयु का पता लगाती है.
शिवलिंग सूट संपत्ति का हिस्सा नहीं !
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए विष्णु जैन ने कहा कि "मुस्लिम पक्ष ने कहा कि शिवलिंग सूट संपत्ति का हिस्सा नहीं है और इसकी कार्बन डेटिंग नहीं की जा सकती है. हमने इन दोनों बिंदुओं पर अपना स्पष्टीकरण दिया है. अदालत 14 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगी."मई में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आयोग को जो वस्तु मिली है उसकी रक्षा की जाए. मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अखलाक अहमद ने कहा था कि हिंदू पक्ष की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि हमने कार्बन डेटिंग पर आवेदन का जवाब दिया है. स्टोन में कार्बन को अवशोषित करने की क्षमता नहीं है.
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