टीएनपी डेस्क(TNP DESK): कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद का चुनाव होने वाला है. चर्चा है कि राहुल गांधी फिर से कांग्रेस की बागडोर संभाल सकते हैं. राहुल गांधी पर अध्यक्ष पद को स्वीकार करने का दबाव भी बन रहा है. मगर, 2019 इलेक्शन में कांग्रेस की करारी हार के बाद जिस तरह से उन्होंने पद से इस्तीफा दिया था उससे लगता तो नहीं कि वह फिर से इस जिम्मेदारी को निभाएंगे. वहीं उनकी जगह कुछ और नामों पर भी चर्चा चल रही है.   

राहुल गांधी पर उनके वफादारों के साथ-साथ दिग्गजों द्वारा भी मनाया जा रहा है. कई लोगों का मानना ​​है कि राहुल को आखिरकार यह काम स्वीकार करना ही होगा. नेतृत्व के मुद्दे को एक ठोस तरीके से निपटाने का न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि भीड़-भाड़ वाले भाजपा विरोधी ब्लॉक के लिए भी निहितार्थ है, जो 2024 के चुनावों के लिए बढ़ती हुई हलचल को देख रहा है. लेकिन अगर राहुल सहमत नहीं हैं, तो इस बात की संभावना है कि या तो सोनिया गांधी अध्यक्ष बनी रहेंगी या पार्टी किसी दिग्गज को पद संभालने के लिए तैयार कर सकती है.

किसी वरिष्ठ सदस्य को मिल सकती है जिम्मेदारी

इस संभावना ने पार्टी में वरिष्ठों पर ध्यान केंद्रित करने पर बल दिया है. सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ से असंतुष्टों सहित कुछ नेताओं ने चुनाव लड़ने के लिए संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह चार साल तक राज्य में रहने के बाद राज्य नहीं छोड़ सकते. एक वरिष्ठ नेता के रूप में कमलनाथ गांधी परिवार के करीबी हैं और पार्टी के अन्य नेताओं के बीच भी उनकी स्वीकार्यता है.

कुछ का कहना है कि अगर पार्टी को गांधी परिवार से बाहर का पद भरना है तो एक वरिष्ठ दलित नेता पसंद हो सकता है. इससे एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो जाएंगी. वहीं ये भी बताया जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे के नाम पर पार्टी के अंदरूनी सूत्रों में चर्चा हो रही है. लेकिन इसके साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक के नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं. पूर्व स्पीकर मीरा कुमार के नाम की भी चर्चा हो रही है. इन सब के अलावा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को एक बार फिर प्रबल संभावना के रूप में देखा जा रहा है, तो कुछ एआईसीसी के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश की ओर भी इशारा कर रहे हैं.

अंबिका सोनी के नाम की भी चर्चा

दिलचस्प बात यह है कि स्वतंत्रता दिवस पर पार्टी मुख्यालय में झंडा फहराने के लिए वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी की पसंद पर भी अफरा-तफरी मच गई. पर्यवेक्षकों ने पूछा कि क्या इसमें भविष्य के बारे में कोई संदेश है. हालांकि, कई प्रबंधकों ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख की अनुपस्थिति में एक वरिष्ठ नेता द्वारा नियमित रूप से ऐसे कार्य किया जाता रहा है.