धनबाद (DHANBAD) : कोयलांचल के प्रदूषित पर्यावरण में सुधार करने के लिए धनबाद के आईआईटी ने पहल की है. देश का प्रतिष्ठित संस्थान सुझाव देने के बजाय खुद अमल कर उदाहरण पेश करने की कोशिश कर रहा है. संस्थान के पर्यावरण तकनीकी विभाग की अनुशंसा पर IIT-आईएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने आदेश जारी किया है. इसके तहत धनबाद आईआईटी-आईएसएम परिसर में महीने में दो दिन गाड़ियां नहीं चलेंगी. इसके लिए महीने के दूसरे और चौथे मंगलवार की तिथि तय की गई है. नाम दिया गया है फ्री व्हीकल डे.

दो दिन परिसर में नहीं चलेंगे वाहन

इन दो दिनों में कोई भी गाड़ियां परिसर में प्रवेश नहीं करेंगी. इसके जरिए पता लगाया जाएगा कि पेट्रोल-डीज़ल से चलने वाले कार, बाईक या दूसरे वाहनों से परिसर का पर्यावरण कितना प्रभावित होता है. संस्थान के पर्यावरण तकनीकी विभाग के सहायक प्रोफेसर (इंजीनियर) सुरेश पांडियन का कहना है कि कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है. फ्री व्हीकल डे के दौरान देखा जाएगा कि वाहनों के नहीं चलने से परिसर की हवा में पीएम 10, पीएम 2.5 और कार्बन का स्तर क्या रहता है. 

नतीजे उत्साहवर्धक रहे तो महीने में तीन या चार दिन फ्री व्हीकल डे

सामान्य दिनों से मिलान कर इसकी समीक्षा की जाएगी और अगर नतीजे उत्साहवर्धक रहे तो महीने में तीन या चार दिन फ्री व्हीकल डे घोषित किया जाएगा. इसके पीछे संस्थान का यह भी मानना है कि इससे धीरे-धीरे लोगों में पैदल चलने और साइकिल पर चढ़ने की आदत विकसित होगी और इसका स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. शहर के लोग भी इसके प्रति जागरूक होंगे और कोयलांचल के प्रदूषित पर्यावरण को नियंत्रित करने में बहुत हद तक मदद मिल सकती है. लोगों में एक तो जागरूकता बढ़ेगी और प्रदूषित पर्यावरण में जीने की मज़बूरी से बाहर निकलने की लोग कोशिश करेंगे.

धनबाद देश के टॉप दस प्रदूषित शहरों में शुमार

बता दे कि चौथी एयरपोकैलिप्स की रिपोर्ट के मुताबिक धनबाद देश के टॉप दस प्रदूषित शहरो में शुमार है. सूत्र बताते हैं कि डीजल-पेट्रोल से चलने वाले वाहनों से कार्बन का उत्सर्जन होता है, सबसे पहले पीएम स्तर की समीक्षा की जाएगी, जो धनबाद की हवा में अधिक है. फिर कार्बन उत्सर्जन को देखा जाएगा. इस पहल से ईधन की भी बचत होगी और सांस लेने के लिए शुद्ध हवा मिल सकेगी.

अभिषेक कुमार सिंह ,ब्यूरो हेड ,धनबाद