धनबाद (DHANBAD) कोयलांचल में सूदखोरी खत्म कर देने के दावे की हकीकत सोमवार को धनबाद के गोधर में देखने को मिली, जहां एक बीसीसीएलकर्मी ने सूदखोर की प्रताड़ना से तंग आकर अपनी जान दे दी. प्रताड़ित करने वाला भी बीसीसीएलकर्मी ही है, मृतक का मामा बताया गया है. सोमवार को झारखंड अपने उदय के 21 साल होने का जश्न मना रहा था और इधर सूदखोरी से तंग बीसीसीएलकर्मी को जान देनी पड़ी.
महाजनी के खिलाफ आंदोलन किया था दिशोम गुरु शिबू सोरेन
बता दें कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने झारखंड में अपने आंदोलन की शुरुआत ही सूदखोरों के खिलाफ लड़ाई छेड़ कर की थी. महाजनी के खिलाफ उनका आंदोलन बहुत दिनों तक चला.अब झारखंड तो बन गया,यह 21 साल का हो भी गया लेकिन सूदखोरी और महाजनी बदस्तूर जारी है. चर्चा इसलिए भी जरुरी है कि झारखण्ड स्थापना दिवस के दिन ही धनबाद की गोधर बेलदारिया बस्ती में रहने वाले बच्चन चौहान ने फांसी के फंदे से झूल कर जान दे दी. जिस कमरे में उन्होंने फांसी लगाई ,वहां एक सुसाइडल नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए महेश नोनिया को जिम्मेवार बताया है और कहा है कि उसी की प्रताड़ना से तंग आकर वह जान दे रहा है. मृतक के पुत्र विकास नोनिया के बयान पर केस दर्ज कर पुलिस आरोपी महेश नोनिया को जेल भेज दिया है.
दो लाख के बदले मांग रहा था साढ़े बारह लाख
पुत्र ने अपने बयान में कहा है कि पिता ने महेश नोनिया से दो लाख रुपए शादी में उधार लिए थे. इसके बदले में लगभग ढाई लाख रुपए महेश नोनिया को पिता ने दे दिए थे. इसके बाद भी वह साढ़े बारह लाख रुपए मांग रहा था. इतना ही नहीं, रोज वह घर पहुंच कर पिता को प्रताड़ित करता था. महेश नोनिया के बारे में बताया जाता है कि वह बीसीसीएल की गोधर कोलियरी में गार्ड का काम करता है,जबकि मृतक बच्चन चौहान कुसुंडा कोलियरी में कार्यरत था. महेश नोनिया ने बताया कि बच्चन रिश्ते में भांजा लगता था और वर्ष 2016 में उसने कई किस्त में बारह लाख पैंतीस हज़ार रुपए लिए थे. इसका इकरारनामा भी किया था लेकिन वह पैसे का भुगतान नहीं किया. केंदुआडीह थाना प्रभारी विनोद उरांव का कहना है कि मामला पैसे के लेन-देन से जुड़ा है. मृतक ने अपने सुसाइड नोट में महेश नोनिया पर पैसे के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. महेश नोनिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. पूरे घटना की केंदुआडीह पुलिस जांच कर रही है. जांच में मामला सूदखोरी से तंग हो कर खुदकुशी का है.
रिपोर्ट : अभिषेक कुमार,ब्यूरो हेड, धनबाद
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