धनबाद(DHANBAD) डीवीसी की कोलकाता में निदेशक मंडल की हुई बैठक में भी झारखंड के कमांड एरिया में लगातार बिजली कटौती पर कोई निर्णय नहीं हो सका. बकाया वसूली के लिए डीवीसी झारखंड को जरूरत से आधी बिजली पिछले पांच नवंबर से दे रहा है. जानकारी के अनुसार निदेशक मंडल की बैठक में यह मुद्दा उठा जरूर लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हुआ. 

छह जिले बिजली के लिए त्राहि-त्राहि

नतीजा है कि कोयलांचल सहित झारखंड के छह जिले बिजली के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार हजारीबाग को 309 मेगावाट के मुकाबले 199 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. इसी प्रकार कोडरमा को जरूरत है 152 मेगावाट की जबकि आपूर्ति हो रही है 87 मेगावाट की. धनबाद को जरूरत है 352 मेगावाट की. लेकिन प्रतिदिन पीक आवर में 272 मेगावाट बिजली की सप्लाई ही हो रही है. गिरिडीह को 250 मेगावाट के मुकाबले 105 मेगावाट बिजली दी जा रही है, बोकारो को 240 मेगावाट चाहिए. लेकिन केवल 189 मेगावाट बिजली ही मिल रही है.   

पैसे के लिए अड़ा हुआ है डीवीसी

डीवीसी इस बात पर अड़ा हुआ है कि उसके बकाया का या तो भुगतान कर दिया जाए या भुगतान की योजना बनाकर झारखंड राज्य वितरण निगम उसे दे. तभी वह सामान्य बिजली आपूर्ति पर विचार कर सकता है. अब देखना है कि डीवीसी और झारखंड बिजली वितरण निगम के बीच चल रही तनातनी कब खत्म होती है और डीवीसी के कमांड एरिया के जिलों को कब राहत मिलती है.

रिपोर्ट: अभिषेक कुमार सिंह, ब्युरो हेड(धनबाद)