धनबाद (DHANBAD): धनबाद का यह दुर्भाग्य रहा है कि जितनी तेजी से किसी भी काम की योजनाएं बनाई जाती है. उसे क्रियांवित करने में उतनी ही ढिलाई बरती जाती है. फिलहाल, सड़क जाम से मुक्ति के लिए बानी योजनाओ को ही देखा जा सकता है. भारी वाहनों का प्रवेश तो शहर में नहीं हो रहा है लेकिन छोटे-छोटे मालवाहक सड़क पर गाड़ियां खड़ी कर सामान तो उतर ही रहे हैं. ऑटो वालो की मनमानी तो पहले की तरह ही चल रही है. जिला प्रशासन ने घोषणा की थी कि शहर में ऑटो की संख्या कम की जाएगी. इसके लिए रूट का भी निर्धारण किया गया था. कुछ ऑटो वालों को कोड भी आवंटित किया गया था. लेकिन लगता है, यह काम भी अन्य प्रस्तावित सहूलियतों की तरह ही ठंढे बस्ते में चला गया है.
अब जरा शहर का हाल देखिये
धनबाद रेलवे स्टेशन तो लगता है ऑटो वालों के कब्जे में है. एक तो सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण से सड़कें संकरी हो गई है, ऊपर से ऑटो वालो की मेहरबानी से पैदल चलने वाले चौकस नहीं रहे तो दुर्घटना होने से कोई रोक नहीं सकता है. अब जरा रांगाटांड़ श्रमिक चौक का हाल देखिये, रोड के दोनों किनारे ऑटो वाले ट्रैफिक के लिए हमेशा समस्या पैदा करते है. यहां तो हाल ये है कि ऑटो वाले ट्रैफिक जवान की भी नहीं सुनते. अगर आपको बहुत जल्दी में बैंक मोड़ से धनबाद आना-जाना हो तो फ्लाई ओवर से गया पुल पार करने में आपको अतिरिक्त आधा घण्टा समय बर्बाद होना तय है. नया बाजार के पास वासेपुर आने-जाने के लिये सुभाष चौक के पास यू टर्न से ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा सी गई है. सिटी सेंटर और बरटांड़ बस पड़ाव का भी यही हाल है. हीरापुर से हटिया बाजार जाने वाली सड़क का हाल तो और भी बेहाल है. कुछ खास समय में (स्कूल टाइम) में अगर आप स्टील गेट मोड कही पहुंच गए तो समझिये आप जंग जीत गए. ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक करने के लिए 20 सितम्बर को आदेश हुआ था और अब नवंबर का महीना भी जाने को है लेकिन आदेश पर अमल नहीं हुआ.
प्रशासन ने जो ऑटो का रुट फिक्स किया था
प्रशासन ने जो ऑटो का रुट फिक्स किया था उसके अनुसार सिंदरी, भौरा, लोदना, पाथरडीह, मोहलबनी से आने वाले ऑटो का अंतिम पड़ाव झरिया चार नंबर बस स्टैंड रहेगा और केवल 400 ऑटो ही धनबाद आ सकेंगे. महुदा की ओर से आने वाले ऑटो का अंतिम पड़ाव पुटकी होगा और केवल 250 ऑटो ही आ सकेंगे. कतरास की ओर से आने वाले ऑटो का अंतिम पड़ाव करकेंद मोड होगा और केवल 100 ऑटो ही आ सकेंगे. तोपचांची, राजगंज से आने वाले ऑटो का अंतिम पड़ाव बरआअड्डा किसान चौक होगा और कुछ निर्धारित बारकोड प्राप्त ऑटो ही शहर में प्रवेश कर पाएंगे. इसी तरह चिरकुंडा, निरसा, टुंडी तथा पूर्वी टुंडी से आने वाले ऑटो का अंतिम पड़ाव गोविंदपुर बाजार होगा और 400 ऑटो ही आ सकते है. बलियापुर से आने वाले ऑटो का अंतिम पड़ाव स्टील गेट होगा. भूली से धनबाद रेलवे स्टेशन आने वाले ऑटो की संख्या 150 तय की गई थी.
अभी क्या हाल है धनबाद शहर में
ट्रैफिक जाम की समस्या पहले की तरह हो गई है. ऑटो वाले आपने पुराने ढर्रे पर चल रहे है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अब तक कोई ठोस इंतजाम नहीं है ,इसलिए भी लोगो को ऑटो पर ही निर्भर रहना पड़ता है. निगम की जो सिटी बस चलने की योजना थी, वह तो पैसा पानी में बहाकर शिथिल पड़ गई. बसें खड़ी-खड़ी सड़ गई, जनता का पैसा पानी में बह गया और यह सब जनता की आंखो के सामने हुआ. निगम में हवा-हवाई सपने रोज़ बुने जाते हैं. उनका बस चले तो वे हवा में पुल और फ्लाई ओवर भी बना दें. हक़ीक़त तो यहीं है कि ट्रैफिक जाम की समस्या हमारे आपके सामने रोज होती है. पता नहीं साहब लोग किस रास्ते से गुजरते है. उन्हें ये सब नजऱ क्यों नहीं पड़ती. एक हक़ीक़त ये भी है कि ट्रैफ़िक जाम से निपटने के लिए या फिर सुरक्षा के लिए जिले के साहबों के पास पुलिस की टीम भी तो हर वक्त मौजूद रहती है. ऐसी क़िस्मत आम जनता को नसीब कहां……
रिपोर्ट: अभिषेक कुमार सिंह, ब्यूरो हेड(धनबाद)
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