दुमका ( DUMKA) -  जिला प्रशासन जिले में संचालित अवैध कोयला खदान को लेकर काफी गंभीर नजर आ रही है. 15 दिन पूर्व गोपीकांदर थाना क्षेत्र में संचालित अवैध कोयला खदान को बंद करने के बार आज शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में कार्रवाई की गई. उग्रवाद प्रभावित शिकारीपाड़ा थाना के बादल पाडा में अवैध कोयला खदान की सूचना पर आज एसडीओ महेश्वर महतो के नेतृत्व में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जिला टास्क फोर्स की टीम बादल पाडा पहुचीं. जहाँ वन विभाग की जमीन पर दर्जनों अवैध कोयला खदान संचालित किए जा रहे थे. टीम के पहुंचने के पूर्व ही कोयला माफिया फरार हो गया. स्थल से ट्रैक्टर पर लोड कोयला जप्त किया गया. टीम ने जेसीबी लगाकर अवैध कोयला खदान के मुहाना को बंद कराया.  एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने कहा कि कोयला माफिया को चिन्हित कर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. जिला खनन पदाधिकारी के के किस्कू ने कहा कि आगे भी यह कार्यवाई जारी रहेगी. ज्ञात हो कि शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में कोयला बेल्ट है जहाँ से वर्षों से अवैध कोयला का खनन और परिवहन जारी है. दिन भर कोयला खनन कर साइकल, बाइक और ट्रैक्टर से जंगल मे कोयला डंप किया जाता है और रात के अंधेरे में ट्रक पर लोड कर कोयला बिहार और पश्चिम बंगाल भेजा जाता है. सूत्रों की माने तो इस कार्य मे अंतर प्रांतीय गिरोह सक्रिय है. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यदा कदा ही प्रशासनिक कार्रवाई होती है.  कार्रवाई होने पर कुछ दिनों तक ठीक ठाक रहता है लेकिन उसके बाद फिर से अवैध खनन और परिवहन का खेल शुरू हो जाता है.