धनबाद (DHANBAD) : डायन बिसाही जैसी कुप्रथा पर विश्वास नहीं करें, अपने आसपास इस प्रकार की किसी भी घटना की जानकारी होने पर निकटतम पुलिस थाने से संपर्क करें. डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम के तहत किसी महिला को ‘डायन’ के रूप में पहचान करने वाले और पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कार्रवाई करने वाले को कारावास और जुर्माना से दंडित करने का प्रावधान है. यह कहना है अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) डॉ कुमार ताराचंद का. वह गुरुवार को समाहरणालय परिसर से डायन प्रथा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आमजनों को इस सामाजिक कुरीति के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से प्रचार-वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर रहे थे.
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि ऐसी सामाजिक कुरीति पर अंकुश लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सामाजिक जागरूकता बेहद जरूरी है. डायन प्रथा जैसी कुरीतियां ना केवल महिलाओं, बल्कि समाज को भी नकारात्मक विचारधारा से ग्रसित करती हैं. अंधविश्वास के कारण उत्पन्न इन कुरीतियों से महिलाओं को प्रताड़ित करना अपराध है. डायन बिसाही जैसी कुप्रथा के कारण आज समाज के गरीब तथा असहाय महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं.
मौके पर अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) डॉ कुमार ताराचंद, उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ईशा खंडेलवाल, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती स्नेह कश्यप सहित अन्य उपस्थित थे.
रिपोर्ट : अभिषेक कुमार सिंह, ब्यूरो हेड (धनबाद)
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