धनबाद (Dhanbad) सरकार के आदेश की परवाह किए बिना झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर पेट्रोल पंप वाले एक दिनी हड़ताल पर चले गए हैं. धनबाद के 171 समेत राज्य के करीब 1400 पेट्रोल पंप मंगलवार सुबह छह बजे से बंद हैं. झारखंड सरकार ने हड़ताल को अवैध घोषित किया है. हड़ताल से लोगों का  परेशानी हो रही है. ग्राहक पेट्रोल-डीजल के लिए पंपों पर पहुंच रहे हैं. लेकिन वह ताला लटका मिल रहा है. शाम 6 बजे तक सभी पंप बंद रहेंगे. 

सरकार है कि सुनती ही नहीं ,पंप वाले आखिर क्या करें

झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को समय दिया गया था, लेकिन सरकार ने हमारी मांगों पर विचार तक नहीं किया. आज की बंदी के कारण जनता को जो परेशानी हो रही है. उसके लिए राज्य सरकार जिम्मेवार है. उन्होंने कहा कि तीन दिसंबर को एसोसिएशन ने डीजल में वैट 22 फीसदी से 17 फीसदी करने की मांग की थी. एसोसिएशन ने अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि अगर 10 दिनों के भीतर हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 21 को पेट्रोल पंप बंद रखा जाएगा. 

धनबाद में रोज होती है 344 केएल (किलो लीटर) डीजल की बिक्री

जिले में प्रतिदिन 344 केएल (किलो लीटर) डीजल तथा 217 केएल पेट्रोल की खपत होती है.  उधर सरकार ने हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए पेट्रोल पंप संचालकों को पेट्रोल पंप खुला रखने का निर्देश दिया है.  खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले के विशेष सचिव चंद्रशेखर प्रसाद ने सभी उपायुक्तों को पेट्रोल पंप खुला रखना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं.  पत्र में लिखा गया है कि पेट्रोलियम पदार्थों की खरीद-बिक्री आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत आती है, इन्हें बाधित करना नियम विरुद्ध है.

एसोसिएशन की मांग

जेपीडीए के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा है कि झारखंड की हेमंत सरकार को मांग पत्र सौंपा गया है. वित्त मंत्री से मिलकर जानकारी दी गई है. हमारी प्रमुख मांगों में डीजल पर वैट की दर 22 से घटाकर 17 प्रतिशत करने, डीजल-पेट्रोल मद में सरकारी बकाया भुगतान जल्द करने व बायो डीजल की राज्य में अवैध बिक्री को रोकना प्रमुख है.

अभिषेक कुमार सिंह, ब्यूरो हेड, धनबाद