रांची(RANCHI): झारखंड में सहायक पुलिस कर्मियों कि स्थिति ऐसी हो गई है, मानों अब उनकी अन्य मांगे तो दूर, अब उनकी नौकरी ही बचेगी या नहीं, यही बड़ा सवाल बनता जा रहा है. सहायक पुलिस कर्मियों कि कार्य अवधि जितनी पेचीदा रही है उतनी ही संघर्षशील भी रही है. ऐसे में लगातार सहायक पुलिस कर्मियों को अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए देखा गया है. वहीं सहायक पुलिस द्वारा बीते दिनों के संघर्ष कि बात करें तो लठियों से जितनी मार उन्होंने खाई है, बरसात के दिनों में अपने घर परिवार और छोटे-छोटे बच्चों के साथ जिस स्थिति में वह रहे हैं, जिस तरह से उन्होंने धूप, बरसात, वॉटर कैनन की धार और टियर गैस के वार को झेल है वह सचमुच मर्माहत करने वाली स्थिति थी. हालांकि इतने लंबे संघर्षों के बावजूद सहायक पुलिस कर्मियों को सफलता मिली थी, और अंततः उनकी मांगों पर झारखंड सरकार द्वारा मुहर लगायी गई थी और उनके वेतनमान में दो हजार रुपये की वृद्धि कि गई थी, हालांकि उनकी अन्य मांगों को लेकर ये बात कही गई थी कुछ दिनों बाद इन मांगों पर विचार विमर्श किया जाएगा.
वहीं अब बात आ चुकी है उनकी नौकरी पर जहां सहायक पुलिस कर्मियों कि अवधि विस्तार कि चिंता इन दिनों उन्हें घेर रही है. असल में इसी साल, अगस्त के महीने के बाद सहायक पुलिस का सेवा विस्तार समाप्त हो रहा है. ऐसे में झारखंड सरकार द्वारा इस दौरान न तो उनके हित में कोई भर्ती निकली गई है और न हीं अबतक इन जवानों को कहीं समायोजित करने का कोई रास्ता नजर आ रहा है. वहीं अगर इन सहायक पुलिस कर्मियों के लिए समय रहते समायोजन या किसी दूसरी भर्ती प्रक्रिया के तहत इन्हें रोजगार नहीं मिल तो यह लोग बेरोजगार होने को मजबूर हो जाएंगे. अब बिना नौकरी के इन सहायक पुलिस कर्मियों के लिए घर चलना, उनके परिवार का भरण पोषण करना, यहां तक कि बच्चों कि पढ़ाई लिखाई कराना भी दूभर हो जाएगा. ऐसे में इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सहायक पुलिस कर्मी अपनी मांगों को लेकर क्षेत्र के विधायक और झारखंड कैबिनेट के मंत्री से जल्द ही मुलाकात करेंगे.
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