रांची(RANCHI): झारखण्ड पुलिस हमेशा विवादों में रहती है. वसूली और काम के बदले पैसे की डिमांड की ख़बरें तो हर दिन  सामने आती है. आचरण प्रमाण पत्र हो या चेकिंग में पकड़ाई बाइक सभी पर रकम की वसूली होती है. इतना ही नहीं जिस थाना क्षेत्र में नदी से बालू या कोयला का खदान हो तो वहां के थानेदार की चांदी होती है. पहले गाड़ी पकड़ना फिर पैसा लेकर बिना किसी चालान के जाने देना आम बात है. इस मामले में विधायक नीरा यादव से लेकर डुमरी विधायक जयराम महतो तक सवाल उठा चुके है, लेकिन व्यवस्था सुधरने के बजाय और गर्त में जाती जा रही है.

थाना में वसूली के मामले पर विधायक नीरा यादव ने तो बड़े अधिकारियो पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि झारखण्ड में थाना को टारगेट दिया गया है. बड़े अधिकारियों का दबाव सभी थाना पर है. कैसे कौन कितना वसूली करेगा. बालू गिट्टी की गाड़ी देख पुलिस ऐसे एक्टिव हो जाती है जैसे ही कोई आतंकवादी जा रहा हो. जबकि जिनकी सेटिंग होती है उन्हें देख कर पुलिस भाग खड़ी होती है. झारखण्ड में जनता त्रस्त है और माफिया मस्त घूम रहे है.

वहीं डुमरी विधायक जयराम ने भी सवाल उठाया है. उन्होंने भी बालू गाड़ी और गिट्टी के साथ साथ चेकिंग के नाम पर वसूली की बात को माना है. साथ ही इसके पीछे बड़े रसूखदारों का हाथ बताया है. जयराम महतो ने कहा कि झारखण्ड में यहां के गरीब दलित आदिवासी मूलवासी का शोषण होता है. उनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है. सभी थाना वसूली में लगे है. अपराधी घूम रहे है और अत्याचार बाइक चेकिंग के नाम पर हो रहा है.