धनबाद(DHANBAD)-रघुवर सरकार की खामियों को उजागर करते रहे हैं और अब हेमंत सरकार की गड़बड़ियों पर भी सवाल कर रहे हैं ,आगे भी करते रहेंगे.यह कहना बिल्कुल गलत है कि पहले ज्यादा मुखर थे, अब शिथिल हैं यह कहना है पूर्वी सिंहभूम के विधायक सरजू राय का. गुरुवार को धनबाद में न्यूज़ पोस्ट से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज भी सरकार जहां गड़बड़ियां और खामियां दिखती हैं तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर या पत्र लिखकर बताते हैं.


निर्दलीय ही रहूंगा 
यह पूछने पर कि क्या फिर से भाजपा में जाएंगे या निर्दल ही रहेंगे, के जवाब में उन्होंने बहुत साफगोई से कहा की भाजपा में जाने का उनका कोई इरादा नहीं है और नहीं भाजपा के किसी शीर्ष नेता ने उनसे संपर्क किया है । उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया गया। 1917 में प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी से उन्होंने मुलाकात की थी, अपनी पीड़ा बताई थी ,केवल 5 मिनट का समय मिला था लेकिन 25 मिनट से ज्यादा बातें हुई ।उन्हीं के सुझाव पर बहुत कुछ सहते हुए भी भाजपा में बना रहा. लेकिन जब विधानसभा चुनाव की बारी आई तो चौथी लिस्ट में भी उनका नाम नहीं था .इसके बाद उनके पास कोई विकल्प नहीं था सिवाय निर्दलीय चुनाव लड़ने का.ऐसे में उन्होंने सोचा कि क्यों नहीं जिस व्यक्ति ने उनके खिलाफ साजिश की है ,उन्हीं के खिलाफ चुनाव लड़ा जाए और उन्होंने पूर्वी सिंहभूम से अपना नामांकन किया. लोगों का प्यार और आशीर्वाद मिला और वे जीत गए .रघुवर दास को पराजय का सामना करना पड़ा.


 गड़बड़ी की जांच को तैयार
पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर उनके काल में किसी भी प्रकार की कोई भी गड़बड़ी हुई है तो वह उसकी जांच को तैयार है ।सरकार चाहे तो किसी भी एजेंसी से जांच करा ले लेकिन रघुवर सरकार की गड़बडिंयो पर उन्होंने जो 2 पुस्तकें लिखी है ,उसकी जांच में भी तेजी आनी चाहिए.एक मामले की जांच तो एसीबी कर रही है अन्य गड़बड़ियों की भी जांच होनी चाहिए.

रार छोड़े दोनों पक्ष
पूर्व मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को लेकर झारखंड में अभी जो तकरार चल रहा है इसको खत्म किया जाना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष को भी फैसला सुना देना चाहिए भाजपा को भी बाबूलाल मरांडी की जगह किसी दूसरे नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाने का प्रस्ताव देना चाहिए.