दुमका (DUMKA) सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जिला के समाहरणालय के मुख्य भवन के प्रवेश द्वार के सामने घंटो खड़े रहे. ये सभी ग्रामीण शिकारीपाड़ा प्रखंड के शाहरपुर के रहने वाले हैं, जो लगभग 60 किलोमीटर दूर गांव से समाहरणालय पहुंचे. ये सभी यहां पीडीएस दुकानदार की शिकायत लेकर पहुंचे थे. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के पीडीएस दुकानदार ना केवल निर्धारित मात्रा से कम राशन देते हैं, बल्कि प्रत्येक महीना राशन का वितरण नहीं करते. बता दें कि गांव में ताजमहल महिला मंडल नामक एसएचजी ग्रुप द्वारा पीडीएस दुकान का संचालन किया जाता है. पीडीएस दुकानदार की मनमानी का विरोध करने पर देख लेने की धमकी दी जाती है.

डीसी ने ग्रामीणों को दिया आश्वासन

वहीं जब ग्रामीण समाहरणालय पहुंचे तो इनकी शिकायत पर जांच का भरोसा दिया गया था. बता दें कि 2 अक्टूबर को मामले की जांच करने शिकारीपाड़ा प्रखंड के एमओ गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें यह कहते हुए बैरन लौटा दिया कि जिला स्तर के अधिकारी ही जांच करेंगे क्योंकि ग्रामीणों को एमओ पर भरोसा नहीं है. ग्रामीण जिला स्तर के अधिकारी के गांव आने और मामले की जांच करने का इंतजार करते रहे. वहीं 2 दिनों तक इंतजार के बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण समाहरणालय पहुंच गए. ग्रामीणों को समझाने पहले जिला आपूर्ति पदाधिकारी पहुंचे लेकिन ग्रामीण उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं हुए. एसडीओ द्वारा इन्हें समझाने का प्रयास किया गया लेकिन ग्रामीण डीसी को बुलाने की मांग पर अड़े रहे. मामले की नजाकत को देखते हुए डीसी रविशंकर शुक्ला अपने चैम्बर से निकल कर इनसे मिलने पहुंचे. डीसी के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ.

रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका