धनबाद (DHANBAD) : पितरों की पूजा का 16 दिन का पर्व अब धीरे-धीरे पूरा होने की ओर बढ़ रहा है. पितृ पक्ष में दिवंगत लोगों की तिथि पर विधि विधान से श्राद्ध करने का नियम है.  मान्यता है कि पितृ विशेष को उनकी तिथि पर तर्पण आदि कर संतुष्ट करने से पितृ दोष दूर होता है और पितरों के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.  पितृ पक्ष में पीपल के पेड़ की पूजा करने का महत्व माना गया है. मान्यता के अनुसार इस पेड़ का संबंध पितरों से होता है. ऐसे में पितृपक्ष के मौके पर झरिया की सामाजिक संस्था लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का नया तरीका अख्तियार किया है.  झरिया में कुछ स्वयंसेवी संगठन लगातार वृक्षारोपण के जरिए खासकर बीसीसीएल और प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान खींचने की कोशिश करते रहे है.  कोई भी मौका स्वयंसेवी संस्थाएं छोड़ती नहीं है. 

 पितृपक्ष के अवसर पर झरिया में अनूठा प्रयास 

पितृपक्ष के अवसर पर झरिया 4 नंबर टैक्सी स्टैंड सड़क किनारे एवं मोहलबनी  घाट में लोगों ने पुर्वजों की  याद में स्मृति वृक्ष लगा कर अपने पितरों को तर्पण किया. मोहलबनी में पीपल के पौधे लगाए गए, वहीं झरिया में प्राइड ऑफ इंडिया नामक पौधे लगा कर लोगों ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया. 
ग्रीन लाइफ झरिया के संयोजक डॉ मनोज सिंह ने कहा कि पौध रोपण को यदि हम भावना से जोड़ दें, तो वृक्षों की रक्षा सहज हो सकेगी.  पुराणों में भी वर्णित है कि उनके नाम पर वृक्ष लगाने एवं तालाब बनवाने से पितर प्रसन्न होते है.   इन वृक्षों के छांव में बैठने वाले भी लगाने वाले को आशीर्वाद देते है.  डॉ मनोज ने कहा कि यह स्मृति वृक्ष बड़ा हो कर पुर्वजों का सजीव स्मारक के रूप में स्थापित होगा.  

ऐसा करने से झरिया में लौट सकती है हरियाली 

यूथ कॉन्सेप्ट के संयोजक अखलाक अहमद ने कहा कि यदि सभी लोग एक पौधा भी लगाएं तो झरिया की हरियाली को लौटाया जा सकता है.  अतः इस मुहिम में  लोग साथ दें , आइए अधिक से अधिक पौधारोपण करें ताकि प्रदूषण से बचाव हो सके.  शिक्षक संजय प्रजापति ने कहा कि पूर्वजों के याद करने का यह अनोखा तरीका है, इसे अमल में लाना चाहिए. मौके पर ग्रीन लाइफ के संयोजक डॉ मनोज सिंह, यूथ कॉन्सेप्ट के संयोजक अखलाक अहमद, संजय कुमार प्रजापति, अर्जुन माली, सुनील तुलस्यान , अशोक कुमार, अयोध्या साव, विवेक कुमार ने अपने पूर्वजों के नाम पर पौधे लगाए.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो