TNP DESK- बिहार हो अथवा बंगाल, प्रवासी मजदूरों की चर्चा दोनों राज्यों में है.  बिहार में इसी साल तो बंगाल में अगले साल चुनाव होने वाले हैं और दोनों राज्यों के चुनाव में प्रवासी मजदूरों की बड़ी भूमिका भी होती है.  नतीजा है कि बिहार में तो प्रवासी मजदूरों की चर्चा सभी करने लगे है.  अभी तक तो यही कहा जाता रहा कि बिहार के लोग मेहनती होते हैं, दूसरे राज्यों में जाकर कमाते हैं और वहां की उन्नति में हिस्सेदारी निभाते है.  लेकिन बिहार में जान सुराज  के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जिन मुद्दों को उठाया, चलाया- लगभग सभी दल वहीं राह पकड़ लिए है.  प्रशांत किशोर का कहना था कि बिहार के लोग  मजदूरी करने दूसरे प्रदेश में क्यों जाएं? क्यों नहीं पिछली सरकारों ने ऐसा काम किया कि दूसरे राज्यों के मजदूर बिहार में काम करने के लिए आए? 

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने क्या कहा है 

इस सवाल का असर हुआ है.  भाजपा के चाहे सम्राट चौधरी हो, चाहे राजद  सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, सभी अब कहने लगे हैं कि प्रवासी मजदूरो  को बिहार में ही रोजगार देने की व्यवस्था होनी चाहिए.  लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया एक्स  पर पोस्ट कर कहा है कि- ए  मोदी जी -विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में, यह गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा.  मतलब है कि प्रशांत किशोर की राह अब महागठबंधन भी पकड़ लिया है.  यह बात तो तय है कि बिहार में एक नई  और अलग ढंग की राजनीति शुरू हो गई है.  जनसुराज  की गतिविधियों से एनडीए भी सहमा हुआ है तो महागठबंधन भी परेशानी में है.  फिलहाल हर छोटी बड़ी बातों को लेकर बिहार में राजनीति सुलग रही है.  आया राम- गया राम का सिलसिला शुरू हो गया है. 

जदयू के दो बड़े नेता चले गए जनसुराज में 
 
अभी हाल ही में जदयू के दो बड़े नेता जनसुराज  में चले गए है.  दसई चौधरी और भुवन पटेल जनसुराज  का दामन थाम लिए है.  शुक्रवार को उन लोगों ने जनसुराज  में शामिल होने की घोषणा की.  दसई चौधरी ने कहा कि मैं बहुत दिनों तक जदयू  से जुड़ा रहा, जब मैं विधायक था, तब नीतीश जी कुछ नहीं थे.  लालू जी की पार्टी से तीन बार विधायक रहने के बाद हमने  नीतीश जी का साथ दिया, लेकिन नीतीश जी ने हम पर ध्यान नहीं दिया, नहीं संगठन और नहीं सरकार में सहभागी बनाया.  वहीं जनसुराज  की सदस्यता लेने के बाद भुवन  पटेल ने कहा कि नीतीश कुमार सबसे जीनियस मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उम्र के अनुसार उनकी शारीरिक क्षमता कम हो रही है.  स्थिति ऐसी हो गई है कि अगल-बगल रहने वाले कुछ लोग ही सरकार चला रहे है.  भुवन पटेल समता पार्टी के संस्थापक सदस्य है.  उनका दावा है कि चुनाव के पहले जदयू  से बड़ी संख्या में लोग निकलेंगे और दूसरी पार्टियों में जाएंगे. 

शनिवार को फिर एक बार महागठबंधन में सीट शेयरिंग की बैठक हो रही 

 इधर, शनिवार को फिर एक बार महागठबंधन में सीट शेयरिंग की बैठक बुलाई गई है.  वोटर  अधिकार यात्रा के बाद महागठबंधन की यह  पहली बैठक हो रही है.  इस बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, वीआईपी प्रमुख ,वाम दल के लोग  शामिल है.  यह  बैठक पूर्व निर्धारित नहीं थी.  महा गठबंधन की आखिरी बैठक 30 जुलाई को हुई थी.  इसके पहले भी कई  बैठके  हो चुकी है.  जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हो चुकी है.  अब एक बार फिर महागठबंधन की चुनाव की तैयारी बैठक शुरू हो गई है.  महागठबंधन में सीटों का बंटवारा भी कोई आसान काम नहीं है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो