TNP DESK- कानून- व्यवस्था को लेकर बिहार में नीतीश कुमार की सरकार चौतरफा घिर  गई है. एक हत्या ने बिहार को हिला कर रख दिया है. सत्ता पक्ष को जवाब नहीं जुट  रहा है.   कानून -व्यवस्था ध्वस्त हो गई है.  बिहार के उद्योगपति गोपाल खेमका की शुक्रवार की देर रात हत्या के बाद पुलिस सवालों के घेरे में है.  इस घटना के बाद शनिवार को पटना के बेउर जेल में रेड  किया गया है.  आईजी के नेतृत्व में छापा मारा गया और जेल में बंद कुछ अपराधियों और शूटरों  से पूछताछ की गई है.  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अधिकारियों को आवास बुलाकर घटना की जानकारी ली और लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई के आदेश दिए है.  हत्या को लेकर विपक्षी दलों ने जंगलराज का आरोप लगाया है.  बिहार की पुलिस परिवार से लेकर विपक्ष के लोगों के निशाने पर है.  उद्योगपति खेमका की बेटी के लंदन से आने के बाद रविवार को उनका दाह - संस्कार होगा.  सूत्र बताते हैं कि गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की 2018 में हाजीपुर में अपनी फैक्ट्री के गेट पर इसी तरह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

बेटे की हत्या का अबतक पुलिस नहीं कर सकी खुलासा 

 गुंजन खेमका की हत्या का पुलिस आज तक खुलासा नहीं कर सकी है.  गुंजन खेमका की हत्या किसने करवाई, पुलिस आज तक नहीं बता  पाई है.  हालांकि इस घटना के बाद खेमका के घर भाजपा नेताओं का दौरा  लगातार जारी है.  पुलिस भी हाथ पैर मार रही है.  जिस तरह से हत्याकांड को अंजाम दिया गया है, उससे  लगता है कि शार्प शूटर ने इस घटना को अंजाम दिया है.  सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है.  मात्र कुछ सेकंड में ही गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या की गई है.  हत्या करने वाला एक स्कूटी से आया था और वह उनके आने का इंतजार कर रहा था.  जैसे ही वह अपने गाड़ी से निकले, शूटर ने गोली दाग दी.  परिवार वालों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया , लेकिन उसके पहले उनकी मौत हो गई थी.  

गोपाल खेमका की बूढी मां ने कहा -अब तो उद्धार कीजिये हुजूर 

गोपाल खेमका की बूढी मां की पीड़ा सुनकर किसी का भी दिल पसीज  जाएगा.  इस घटना ने पूरे बिहार को हिला कर रख दिया है.  खेमका  का परिवार भी दहशत  में है.  7 साल पहले बेटे की हत्या और उसके बाद फिर पिता की हत्या.  इस घटना के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा जब  पहुंचे तो  खेमका की मां का रोकर बुरा हाल था.  डिप्टी सीएम ने जब उन्हें सांत्वना देना शुरू किया तो मां ने कहा कि पहले मेरा पोता गया, फिर मेरा बेटा गया, हमारा उद्धार कीजिये.  परिवार के अन्य सदस्य भी पुलिस की लापरवाही और सरकार की उदासीनता को लेकर गुस्से  में थे.  परिजनों का आरोप है कि गोपाल खेमका की हत्या के करीब डेढ़ घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जबकि गांधी मैदान थाना घटना स्थल से महज 500 मीटर की दूरी पर है.  शुक्रवार की रात करीब 11:30 बजे गोपाल खेमका की हत्याकांड को अंजाम   दिया गया.  जब वह पटना क्लब से घर के लिए जा रहे थे.  

हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज आया सामने ,शूटर एक ही था 

इसी दौरान घर के पास गाड़ी से उतरने के दौरान अज्ञात हमलावर ने उन्हें गोली मार दी.  इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है,जिसमें एक शूटर अपार्टमेंट के गेट के बाहर उनके आने का इंतजार करता दिख रहा है और फिर उन्हें गोली मार कर स्कूटी से ही भागता हुआ दिखाई दे रहा है.  अब सवाल किये  जा रहे हैं कि क्या 20 दिसंबर 2018 को हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में बिहार भाजपा के लघु उद्योग सेल के संयोजक रहे गुंजन खेमका की हत्या का मामला पुलिस अगर सुलझा ली होती, तो 4 जुलाई 2025 को गुंजन के पिता की जान बच जाती? व्यापारी वर्ग सवाल कर रहा है कि पुलिस ने गुंजन मर्डर केस में शूटर को तो पकड़ा  लेकिन सुपारी देने वाले को क्यों नहीं पकड़ा?  घटना को लेकर जमीन विवाद तो बताया लेकिन मरवाया किसने, यह  बिना बताए कि केस  ठंडे  बस्ते  में क्यों डाल दिया? सवाल किये  जा रहे हैं कि क्या गोपाल खेमका की हत्या से बेटे गुंजन खेमका के मर्डर का कोई कनेक्शन है? 

2018 में ठीक इसी  तरह फैक्ट्री गेट पर बेटे की गोली मारकर हत्या की गई थी 

गुंजन खेमका के पिता  गोपाल खेमका की लगभग 7 साल बाद उसी तरीके से पटना में उनके अपार्टमेंट के बाहर हत्या कर दी गई है.  बेटे को फैक्ट्री के गेट पर गोली मारी गई तो पिता को घर के पास.  लोग तो यह भी बता रहे हैं कि खेमका के दूसरे बेटे पर भी गोली चली थी.  जानकारी के अनुसार गोपाल खेमका एक डॉक्टर थे.  एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद गोपाल  खेमका ने हेल्थ केयर सेक्टर में अपना बिजनेस शुरू किया.  उन्होंने पटना के राजेंद्र नगर में मगध हॉस्पिटल खोला.  धीरे-धीरे उन्होंने कारोबार का विस्तार किया.  कई फैक्ट्रियां खोली, वैशाली के हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में उनकी कार्टून फैक्ट्री थी.   उनका पेट्रोल पंप का भी कारोबार है.  उनकी गिनती बिहार के बड़े उद्योगपतियों में की जाती थी.  हालांकि बेटे की हत्या के बाद उन्होंने कई कारोबार को बेच दिया था.  खैर, जो भी हो लेकिन नीतीश  सरकार पूरी तरह से घिर  गई है.  आरोप लगाए जा रहे हैं कि बिहार में अगर कोई जीवित है, तो वह सरकार और पुलिस के भरोसे नहीं, बल्कि अपनी किस्मत के भरोसे. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो