धनबाद (DHANBAD) : झारखंड में कोयले के "काले खेल" का एक बड़ा खुलासा हुआ है. यह खुलासा रांची सीबीआई एसीबी के टीम ने किया है. देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया की सहायक कंपनियों में कोयला लिफ्टिंग की आड़ में रंगदारी वसूली का आरोप अब सच साबित होता दिख रहा है. सीसीएल में चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद से सवाल किए जा रहे हैं-कि क्या अन्य कंपनियों के मैनेजमेंट भी इस पर गंभीर होंगे या व्यवस्था पहले की तरह ही चलती रहेगी. कोल इंडिया की एक बड़ी इकाई सीसीएल में कोयला लिफ्टिंग की आड़ में अवैध वसूली के एक बड़ा मामला बेपर्द हुआ है.
सभी कंपनियों में होती है अवैध वसूली-सूत्र
यूं तो सूत्र बताते हैं कि कोल इंडिया की लगभग सभी सहायक कंपनियों में यह वसूली होती है. अवैध वसूली की दर हर जगह अलग-अलग होती है. फिलहाल पकड़ में सीसीएल के चार लोग आए है. इन चार लोगों से पूछताछ के बाद हो सकता है कि और गिरफ्तारियां की जाए. यह कार्रवाई सीबीआई एसीबी रांची की टीम ने की है. सीसीएल गिद्दी-ए कोलियरी परियोजना, हजारीबाग में कोल ट्रांसपोर्टर और लिफ्टरों से अवैध उगाही मामले में यह गिरफ्तारी की गई है. सीबीआई को अवैध वसूली के साक्ष्य भी मिले है.
6 मार्च को औचक जांच के बाद की गई है गिरफ्तारी
दरअसल, सीबीआई ने 6 मार्च को सीसीएल विजिलेंस टीम के साथ गिद्दी परियोजना कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था. उस समय लोगों से पूछताछ में सीबीआई को जानकारी मिली थी कि प्रति ट्रक 18 सौ रुपए की दर से अवैध वसूली की जाती है. जांच में अवैध वसूली से संबंधित सबूत भी मिले थे. इस अवैध राशि की वसूली के लिए अलग-अलग लोग थे, जो पैसा इकट्ठा कर ऊपर तक पहुंचाते थे. दरअसल, कोलियरी क्षेत्र में एक गठजोड़ काम करता है. यह गांठजोड़ कोयला लिफ्टरों से पैसा वसूलता है. अब जब सीसीएल में इस तरह का मामला सामने आने के बाद कोल इंडिया मैनेजमेंट आगे क्या करता है, यह देखने वाली बात होगी.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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