धनबाद (DHANBAD) : कोल इंडिया ने नया आदेश जारी किया है. यह आदेश ई-ऑक्शन से कोयला खरीदने वाले ट्रेडर्स के लिए जारी किया गया है. अब बुक कराए गए कोयले की सैंपलिंग करना जरूरी होगा. सैंपलिंग में अगर कोयला अच्छी क्वालिटी का पाया जाता है, तो अतिरिक्त भुगतान भी करना पड़ सकता है. पहली अक्टूबर से इस नियम को लागू कर दिया गया है. कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियों में इसे लागू किया गया है. सूत्र बताते है कि  नियम के अनुसार कारोबारी को फाइनेंशियल कवरेज के तहत आवेदन की मात्रा पर 150 रुपए प्रति टन जमा करने होंगे.

बॉन्ड भी जमा करना होगा ताकि सैंपलिंग में कोयल का ग्रेड अधिक होने पर अतिरिक्त राशि वसूल की जा सके. कारोबारी को कोयले की बुकिंग के समय ही मान्यता प्राप्त थर्ड पार्टी से सैंपलिंग का विकल्प चुनने का मौका मिलेगा. इसे नहीं चुनने पर सैंपलिंग का काम कोल्  कंट्रोलर आफ इंडिया करा सकता है.  हालांकि कोल इंडिया के नए नियम का विरोध भी शुरू हो गया है.  ट्रेडर्स इसे अव्यावहारिक बता रहे है. अधिकारियों से मिलकर इस आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे है. 

कोयला ट्रेडर्स जल्द ही कोयला मंत्रालय के सचिव को भी पत्र लिख सकते है. उनकी मांग है कि यह ऑक्शन के पहले ही कोयले की सैंपलिंग कराकर उसकी कीमत तय कर दी जाए.  हमें जो ग्रेड का कोयला लेना है, वही बुक करेंगे. मैनेजमेंट का मानना है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और कोयला गुणवत्ता के विवाद पर भी विराम लग जाएगा.  इधर, यह भी कहा जा रहा है कि कोयले के डिस्पैच में सैंपलिंग की नई व्यवस्था लागू होने के बाद कई कंपनियों से उपभोक्ता यानी हार्ड कोक उद्यमी व ट्रेडरों ने कोयला उठाव  बंद कर दिया है. वह अपना पैसा वापस करने की मांग कर रहे है.  

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो