धनबाद(DHANBAD): छठ महापर्व की जड़े तो बिहार में है, लेकिन यह पर्व पूरे देश और दुनिया में मनाया जाता है. कोई कहीं भी हो, लेकिन छठ में अपने पैतृक निवास पहुंचना जरूरी समझता है. इस वजह से कम से कम धनबाद में रेलवे की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. बिहार की तरफ जाने वाली ट्रेनों में भीड़ बेकाबू हो जा रही है. यात्रियों की संख्या के अनुसार रेलवे के इंतजाम कमजोर दिख रहे है. धनबाद से बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों के खुलने के समय प्लेटफार्म पर भारी भीड़ जुट रही है. अफरा तफरी मच जा रही है. हालत यह है कि जनरल बोगी से लेकर आरक्षित बोगियों तक में भीड़ रहती है. ट्रेन में चढ़ने के लिए धक्का मुक्की का आलम बन जाता है.
सुरक्षा बल सिर्फ मूकदर्शक बन खड़े दिखते है
सुरक्षा बल सिर्फ मूकदर्शक बन खड़े दिखते है. लोग स्पेशल ट्रेनों के बजाय नियमित ट्रेनों पर ज्यादा भरोसा कर रहे है. जिन यात्रियों के पास आरक्षित टिकट है, वह भी ट्रेन में नहीं चढ़ पा रहे है. यात्रियों की सुरक्षा भी भीड़ की वजह से खतरे में पड़ गई है. ट्रेन में जबरदस्त मारामारी है. धनबाद से अतिरिक्त बस भी बिहार के लिए खोली जा रही है, लेकिन भीड़ तब भी बेकाबू है. धनबाद को तो "मिनी बिहार" कहा जाता है. ऐसे में बिहार से जुड़े बड़ी संख्या में लोग धनबाद में रहते हैं और छठ महापर्व को लेकर अपने पैतृक गांव जाना पसंद करते है. बताया जाता है कि बिहार जाने वाले यात्रियों ने गुरुवार को काफी जोर लगाया. ट्रेनों में भीड़ की वजह से यात्रियों को जनरल बोगियों में रात भर खड़े-खड़े यात्रा करनी पड़ी. शुक्रवार को भी भीड़ की पूरी संभावना है.
शनिवार तक बिहार की ट्रेनों में सभी आरक्षित क्लास में वेटिंग या नो रूम
शनिवार तक बिहार की ट्रेनों में सभी आरक्षित क्लास में वेटिंग या नो रूम की स्थिति है. गुरुवार को मौर्या एक्सप्रेस और गंगा दामोदर एक्सप्रेस में धनबाद स्टेशन पर सवार होने के लिए यात्रियों को मिहनत करनी पड़ी. परिवार के सदस्यों के साथ यात्रा करने वाले संशय के साथ स्टेशन पहुंच रहे हैं कि वह ट्रेन में सवार हो पाएंगे अथवा नहीं. शुक्रवार कम से कम दो स्पेशल ट्रेन धनबाद से खुलेंगी. फिर भी रात होते-होते गंगा दामोदर और मौर्य एक्सप्रेस में क्या स्थिति बनेगी,संभालना रेलवे के लिए चुनौती होगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

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