धनबाद(DHANBAD) | धनबाद के दो "मजबूत घराने" अब आर -पार की लड़ाई के मूड में है. झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह ने अभी हाल ही में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें इस बात की पीड़ा हमेशा रहेगी, कि भाई नीरज सिंह हत्याकांड में उनका नाम कैसे आया? यह पीड़ा उन्हें ताह जीवन सताती रहेगी. इसके बाद शुक्रवार को स्वर्गीय नीरज सिंह की पत्नी, झरिया की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह का एक ट्वीट आया है. कहा है कि -आप सबको बताना चाहती हूं कि-- हाईकोर्ट में हमारी अपील स्वीकृत हुई. नीरज के हत्यारो को इतनी आसानी से चैन से खुलेआम घूमने नहीं दूंगी और इसकी कीमत उन्हें चुकानी ही पड़ेगी. अपने मगरमच्छी आंसू आने वाले दिनों के लिए बचा के रखना चाहिए.
हाईकोर्ट में अपील हो गई है स्वीकृत
इधर, नीरज सिंह हत्याकांड में संजीव सिंह सहित अन्य के ट्रायल कोर्ट से बरी हो जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील स्वीकृत हो गई है. शुक्रवार को हाई कोर्ट सुनवाई हुई और संजीव सिंह समेत 10 आरोप मुक्त हुए लोगों को नोटिस जारी किया गया है. बता दें कि नीरज सिंह हत्याकांड में बरी होने के बाद अभी हाल ही में पहली बार संजीव सिंह संवाददाताओं के सामने आए थे और अपनी बात रखी थी. कोयलांचल के लोग उनके इस कदम को राजनीति में एक बार फिर से सक्रिय होने के चश्मे से देख रहे है. हो सकता है कि संजीव सिंह मजदूर संगठन की डोर पकड़कर राजनीति में सक्रिय हो. इस हत्याकांड ने पूरे कोयलांचल में सनसनी फैला दी थी. इस मामले में झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
आठ साल से भी अधिक समय तक संजीव सिंह जेल में रहे
8 साल से भी अधिक समय तक संजीव सिंह जेल में रहे. अभी हाल ही में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली. जिस समय सुप्रीम कोर्ट से संजीव सिंह को जमानत मिली, उस समय वह रांची के रिनपास में इलाज करा रहे थे. उसके बाद ट्रायल कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में संजीव सिंह सहित 10 आरोपियों को बरी कर दिया. ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.नीरज सिंह की हत्या के बाद 2019 में झरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर उनकी पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह चुनाव लड़ी और संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह को पराजित कर दिया. कांग्रेस के टिकट पर वह 2019 में विधायक बनी. विधायक बनने के बाद भी दोनों परिवार में समय-समय पर टकराहट होती रही.
झरिया को लेकर भी आरोप- प्रत्यारोप दोनों ओर से लगते रहे
झरिया को लेकर भी आरोप- प्रत्यारोप लगते रहे. इस बीच सूर्य देव बाबू के भाई पूर्व मंत्री बच्चा सिंह का बीमारी की वजह से निधन भी हो गया. बच्चा बाबू सिंह मेंशन से अलग पहले से ही रह रहे थे. रामधीर सिंह और सूर्य देव सिंह का परिवार सिंह मेंशन में रह रहा था. लेकिन बाद में रामधीर सिंह का परिवार भी अलग रहने लगा. इस बीच फिर 2024 का चुनाव आया. इस चुनाव में भी झरिया सीट पर पूर्णिमा नीरज सिंह और रागिनी सिंह के बीच आमने-सामने की चुनावी टक्कर हुई. चुनाव के इस रण में इस बार रागिनी सिंह ने बाजी मार लीऔर पूर्णिमा नीरज सिंह को उन्होंने पराजित कर दिया. रागिनी सिंह फिलहाल झरिया विधानसभा सीट से भाजपा की विधायक है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

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