धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के एक ऐसे अधिकारी हैं, जिनके घर प्रवर्तन निदेशालय की टीम 6 महीने में दूसरी बार रेड की. धनबाद में पदस्थापित डीटीओ चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी के साथ ऐसा हुआ है. मंगलवार को भी ईडी की टीम पहुंची. इसके पहले 8 अक्टूबर 2024 को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दिवाकर चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी के फ्लैट को खंगाल था. रांची में हुए जमीन घोटाले के मामले में पहली बार ईडी ने उनके घर दबिश दी थी. इसके बाद मंगलवार को फिर खंगला गया. डीटीओ चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी चास के साथ-साथ रांची के भी सीओ रह चुके है. बता दें कि बोकारो के वन प्रमंडल प्रभारी ने बोकारो सेक्टर 12 थाने में तेतुलिया मौजा की 100 एकड़ से अधिक वन भूमि घोटाले से संबंधित प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
सेक्टर 12 थाने में हुई एफआईआर को ईडी ने टेकओवर किया
इस मामले की जांच सीआईडी कर रही थी. तभी प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले को टेक ओवर किया. मंगलवार को ईडी की टीम ने कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. धनबाद के अवर निबंधक रामेश्वर प्रसाद सिंह के निवास पर भी ईडी की टीम पहुंची थी. ईडी की टीम उनके हीरापुर स्थित सरकारी आवास पर दबिश दी. धनबाद में पदस्थापित डीटीओ भी 5-6 साल पहले चास में सीओ थे. ईडी की टीम ने कई बिल्डरों और सरकारी कर्मचारियों के घरों को भी खंगाला. इस भूमि घोटाले में ईडी की जांच को लेकर धनबाद, बोकारो से लेकर रांची तक हड़कंप मचा रहा.
मंगलवार को ईडी की टीम दो अधिकारियो के आवास पहुंची छापेमारी को
मंगलवार को ईडी की टीम सुबह 6 बजे अवर निबंधन रामेश्वर प्रसाद सिंह के साथ-साथ धनबाद के झाड़ू स्थित के अपार्टमेंट में स्थित डीटीओ के फ्लैट में भी दबिश दी. दोनों अधिकारियों से बोकारो वन भूमि घोटाले के संबंध में विस्तृत पूछताछ की गई. बताया जाता है कि बोकारो इस्पात कारखाना की आधारशिला के समय प्रबंधन ने उक्त जमीन को अधिग्रहित किया था. लेकिन किन्हीं कारणों से उस जमीन का उपयोग नहीं किया जा सका. ऐसे में 100 एकड़ से अधिक जमीन बीएसएल को वापस करना था. पर बीएसएल ने जमीन वापस नहीं की. इसके बाद माफिया ने फर्जी दस्तावेज बनाकर कथित रूप से जमीन को बेच दिया. इस मामले की जांच शुरू हुई, तो हड़कंप मचा हुआ है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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