राँची(RANCHI): पूर्व मंत्री कमलेश कुमार सिंह एवं युवा नेता सूर्या सिंह ने झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से राजभवन, राँची में मुलाक़ात की. इस मौके पर दोनों नेताओं ने राज्यपाल को पलामू के एकमात्र विश्वविद्यालय नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय (NPU) में व्याप्त शैक्षणिक अव्यवस्था, सत्र एवं परिणामों में लगातार हो रही देरी और इसके कारण छात्रों को हो रहे गंभीर नुकसान के विषय में विस्तृत ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन में बताया गया कि पिछले दो वर्षों में परिणामों में लगातार देरी के कारण लगभग चार हजार छात्र अपने करियर और भविष्य को लेकर गहरे असमंजस में हैं. सत्र 2022-26 के कई सेमेस्टर के परिणाम अभी तक लंबित हैं, जबकि सत्र 2023-27 का परिणाम भी नियमित समय से लगभग एक साल से अधिक विलंबित है. इस स्थिति के कारण छात्र उच्च शिक्षा में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं, सरकारी नौकरी और प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदन करने से वंचित रह गए हैं. इसके अलावा, कैंपस प्लेसमेंट और इंटर्नशिप के अवसर भी नष्ट हो चुके हैं और समय पर छात्रवृत्ति तथा अन्य राष्ट्रीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. लगातार लंबित रहने से छात्रों में मानसिक तनाव, आत्मविश्वास में कमी और गहरी निराशा उत्पन्न हो रही है.

राज्यपाल  संतोष कुमार गंगवार ने पूरे मामले को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी और लंबित परिणामों को जल्द से जल्द प्रकाशित कराया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में समयबद्ध अकादमिक कैलेंडर लागू करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.

युवा नेता सूर्या सिंह ने कहा, "नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में लगातार शैक्षणिक अव्यवस्था और परिणामों की देरी से छात्रों का भविष्य गंभीर संकट में है. छात्र प्रतियोगी माहौल में पीछे रह रहे हैं और अपनी पढ़ाई, प्रोजेक्ट्स और इंटर्नशिप जैसे महत्वपूर्ण शैक्षणिक कार्य समय पर पूरा नहीं कर पा रहे हैं. इससे उनके आत्मविश्वास में कमी आई है और मानसिक तनाव बढ़ा है. परिवारों पर भी आर्थिक दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि छात्रों को अतिरिक्त समय और संसाधन खर्च करने पड़ रहे हैं. यह केवल शिक्षा का प्रश्न नहीं है, बल्कि पलामू की पूरी छात्र-पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. हमें तुरंत प्रभाव से कदम उठाकर सुनिश्चित करना होगा कि छात्र अपने हक और भविष्य के अवसर सुरक्षित रूप से प्राप्त कर सकें."

सूर्या सिंह ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपाल के हस्तक्षेप से विश्वविद्यालय की अव्यवस्था पर तुरंत रोक लगेगी और छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा.