धनबाद(DHANBAD): झारखंड कांग्रेस में अभी खलबली है. एक अनुमान के अनुसार 75 से 80% जिला अध्यक्ष बदले जा सकते है. झारखंड में कांग्रेस के मंत्री भी अपने बेटों को जिला अध्यक्ष बनाने की कोशिश में है. कई पुराने और दिग्गज नेता अपने समर्थकों को जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर देखना चाहते है. प्रयास तो किये जा रहे हैं, लेकिन पर्यवेक्षकों ने क्या अनुशंसा की है और क्या करने जा रहे हैं, इस पर सब कुछ निर्भर करेगा. केंद्रीय संगठन की रुख से पर्वेक्षक भी सजग है. कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व संगठन में बड़ा फेरबदल की ओर बढ़ चला है. इस प्रक्रिया के तहत केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में पर्यवेक्षक भेजे थे.
हर ज़िले में कैंप कर ली गई है राय
पर्यवेक्षकों ने हर जिले में कैंप किया और 6 से 7 दिनों तक ठहरे भी. वर्तमान जिला अध्यक्षों से लेकर दावेदारों तक की पूरी जानकारी ली. सूत्रों पर भरोसा करें तो संगठन में 75 से 80% जिला अध्यक्ष बदले जा सकते है. कुछ को छोड़कर बाकी सभी हटाए जा सकते है. सूत्रों के अनुसार पर्यवेक्षकों ने कार्यकर्ताओं, जिले के कनीय और वरीय नेताओं और विभिन्न संगठनों से जो राय ली है, उनमें अधिकांश के खिलाफ नाराजगी है. 17 सितंबर यानी कल सभी पर्यवेक्षकों को अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंप देनी है. दिल्ली के निर्देश पर आए पर्वेक्षक के साथ प्रदेश के दो-दो नेताओं को भी जोड़ा गया था. जानकारी के अनुसार पर्यवेक्षकों को एक पोर्टल के माध्यम से अपनी रिपोर्ट भेजनी है. केंद्रीय नेतृत्व को छह लोगों के नाम प्राथमिकता के आधार पर भेजनी है.
पर्वेक्षको को दी गई है बड़ी जिम्मेदारी
इसमें सभी संभावित दावेदारों के मजबूत और कमजोर पक्षों को भी रखना है. साथ ही कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों से मिली राय को भी रखनी है. यह रिपोर्ट सीधे राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल को भेजी जाएगी. जिला अध्यक्ष चयन प्रक्रिया में वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी और एक अन्य सदस्य अंतिम फैसला लेंगे. इसके बाद प्रदेश नेतृत्व को सूची भेज दी जाएगी. बता दे कि राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों को अधिक अधिकार दिए जाएंगे. प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ जिला अध्यक्ष को भी मजबूत और ताकत दिया जाएगा. सूत्र बताते हैं कि प्रदेश के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर के पुत्र प्रशांत को लेकर भी लॉबिंग चल रही है. पलामू जिला अध्यक्ष के लिए हो रही कोशिश. पर्यवेक्षकों ने उनके नाम पर सहमति दी है अथवा नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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