पाकुड़: हिरणपुर प्रखंड के किसान इन दिनों दोहरी मार झेल रहे हैं. एक ओर मौसम की मार और महंगी खेती, दूसरी ओर कोल्ड स्टोरेज की भारी कमी. हालात यह हैं कि आलू, गोभी, टमाटर, बैगन, मिर्च जैसी जल्दी खराब होने वाली सब्जियों को किसान मजबूरी में औने-पौने दामों पर बेच रहे हैं.
प्रशासन की अनदेखी से परेशान किसान, मांग रहे स्थायी समाधान
किसानों का कहना है कि हिरणपुर प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज की भारी कमी है. सब्जियों की पैदावार अधिक होने के बावजूद वे उन्हें सुरक्षित नहीं रख पाते. मजबूरी में ताजा तोड़ी गई फसल को तुरंत बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता. नतीजतन, जब सभी किसान एक ही समय पर फसल बाजार में लाते हैं, तो रेट गिर जाते हैं और उन्हें लागत भी नहीं मिलती.
किसानों की मांग – बने कोल्ड स्टोरेज, तभी बचेगा मेहनत का मोल
स्थानीय कृषक बताते हैं कि अगर प्रखंड में एक भी सुसज्जित कोल्ड स्टोरेज होता, तो वे सब्जियों को कुछ महीनों तक सुरक्षित रख सकते थे और अच्छे बाजार मूल्य पर बिक्री कर पाते. इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ती, बल्कि खेती के प्रति उनका विश्वास भी मजबूत होता.
अब सवाल यह है कि प्रशासन कब जागेगा ?
यह केवल हिरणपुर के किसानों का दर्द नहीं, बल्कि क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था पर सीधा असर डालने वाला मसला है. अब देखना यह है कि क्या जिला प्रशासन इस गंभीर स्थिति पर संज्ञान लेता है, या फिर मेहनतकश किसानों की मेहनत यूं ही सड़कों और मंडियों में सस्ते दामों पर बिकती रहेगी.
रिपोर्ट: नंद किशोर मंडल, पाकुड़
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