धनबाद (DHANBAD) : धनबाद रेल डिवीजन में करोड़ों के टिकट घोटाला पकड़ में आने के बाद रेल अधिकारी चौकस और चौकन्ना हो गए है. बताते है कि रेलवे का अगर इंटरनल ऑडिट नहीं होता तो यह घोटाला आगे भी चलता रहता. सूचना के मुताबिक अब अधिकारियों का दल हर 10-15 दिन में बैंक पहुंच रहा है और बाइकर्स को दी गई राशि और बैंक में जमा राशि का मिलान कर रहा है. धनबाद रेल डिवीजन के पलामू ,गढ़वा, लातेहार इलाके में करोड़ों का रेल टिकट घोटाला पकड़ा गया था.  इस घोटाले में अलग-अलग एफआईआर  दर्ज कराई गई थी.  इसके बाद अब रेल अधिकारी बैंक में जमा राशि की निगरानी कर रहे है.  बता दें कि रेलवे के टिकट बिक्री के रुपए बैंक में जमा करने के लिए अलग-अलग एजेंसियां काम करती है. एजेंसी के लोग स्टेशन से रकम उठाते हैं और रेलवे के बैंक खाते  में जमा करते है. 

एजेंसी ने रकम जमा करने के लिए कुछ लड़कों को नौकरी पर रखा था. उन्हें बाइकर्स कहा जाता है. यही बाइकर्स टिकट की रकम को लेकर फरार हो गए. जानकारी के अनुसार  गढ़वा में 2 करोड़ 16 लाख रुपए, रमना में एक लाख रुपए, गढ़वा टाउन में 46 लाख रुपए, लातेहार के बरवाडीह में 90 लाख रुपए और पलामू के डालटनगंज रेलवे स्टेशन पर 12 लाख रुपए का घोटाला पकड़ में आया था. बाइकर्स ने घोटाला के लिए फर्जी बैंक वाउचर को भी तैयार किया था. रेलवे का इंटरनल ऑडिट में यह घोटाला पकड़ा गया था. बाइकर्स कैश जमा करने के बाद बैंक के वाउचर को रेलवे को देते थे. अपनी  एजेंसी को जमा करते थे .

इस मामले में बाइकर्स ने विभिन्न स्टेशनों से कैश तो उठाया लेकिन उन्हें रेलवे के खाता में जमा नहीं किया. बाइकर्स ने कैश संबंधी वाउचर को फर्जी रूप से तैयार किया और रेलवे के अधिकारियों को दिया. रेलवे के हाजीपुर जोन के वाणिज्य कर विभाग को विभिन्न स्टेशनों से होने वाली आय आशंका हुई थी. इसके बाद रेलवे के तरफ से इंटरनल ऑडिट का कार्य शुरू हुआ. इसी ऑडिट में पकड़ा गया कि 2023 के बाद इस घोटाले की शुरुआत हुई. घोटाला का दायरा धीरे-धीरे बढ़कर करोड़ों में  पहुंच गया. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो