रांची(RANCHI): रांची पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. कोयला शंख जोन के चार माओवादियों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार उग्रवादियों के पास से हथियार और कारतूस भी बरामद किए गए है. सभी लेवी वसूलने के लिए खलारी इलाके के बांग्ला चट्टी नदी के पास एक जुट हुए थे. तभी इसकी जानकारी वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा को मिली. जिसके बाद टीम गठित कर छापेमारी का आदेश दिया. खलारी डीएसपी के नेतृत्व में टीम ने छापेमारी करते हुए सभी को दबोच लिया है. सभी कुख्यात माओवादी है जिनपर दर्जन भर मुकदमा अलग अलग थाना में दर्ज है.
इस मामले का खुलासा डीआईजी सह वरीय पुलिस अधीक्षक रांची, चंदन कुमार सिन्हा ने किया. उन्होंने बताया कि बीते 25 जून को सीसीएल लिमिटेड के महाप्रबंधक कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों से भाकपा माओवादी कोयल शंख जॉन कमेटी के सदस्य मनोज जी के नाम से एक करोड रुपए की लेवी मांगी गई थी. इसके बाद खलारी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. पैसा नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी थी.
शिकायत मिलने के बाद वरीय पुलिस अधीक्षक रांची के आदेश पर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक के निर्देशन और देखरेख में पुलिस उपाध्यक्ष खेलारी के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई. छापेमारी दल कांड के उद्वेदन और इसमें धमकी देने वाले शामिल माओवादियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान शुरू किया. इस दौरान 14 जुलाई की देर रात छापेमारी दल को एक सूचना मिली कि भाकपा माओवादी के कुछ सदस्य बक्शी बांग्ला चट्टी नदी के पास कारोबारी ठेकेदार ईट भट्ठा मालिकों से लेवी वसूलने के लिए जमा हुए.
सूचना के सत्यापन के बाद तुरंत टीम एक्टिव हुई और कार्रवाई करते हुए बांग्ला चट्टी नदी को चारों ओर से घेर लिया. इस दौरान माओवादी भागने की कोशिश कर रहे थे. जिसे जवानों ने दौड़ा कर पकड़ लिया. गिरफ्तार माओवादियों के पास से हथियार और कारतूस बरामद किए गए हैं. जिनकी गिरफ्तारी हुई उनमें योगेंद्र गंजू उर्फ पवन जी इसके पास एक देशी पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद हुआ. वहीं मुकेश गंजू के पास से लेवी में इस्तेमाल किए गए एक मोबाइल फोन और तीन सिम कार्ड, जबकि मन्नू गंजू के पास से प्रतिबंधित भाकपा माओवादी का लेटर पैड मिला है.
इसके अलावा योगेंद्र गंजू और पवन जी से पूछताछ करने पर पता चला कि यह 2006 से भाजपा माओवादी संगठन से जुड़ा था. इसके आतंक को देखते हुए संगठन में से गारु सरजू क्षेत्र की जिम्मेदारी दी और एरिया कमांडर बना दिया था. बाद में इस क्षेत्र में 2009 में से सब जोनल कमांडर का जिम्मेदारी सौपा गया. सबसे पहले 2006 में ही लातेहार गारु में एफआईआर दर्ज हुआ और गिरफ्तार हो गया,जिसके बाद जेल चला गया. लेकिन बाद में जब 2008 में जेल से छूटा तो दोबारा संगठन से जुड़ा. उसके बाद फिर 2012 में एक मामले में गिरफ्तार हुआ और जेल चला गया. लेकिन 10 वर्षों बाद 2022 में जब जेल से छूटा तो नक्सली गतिविधि से दूरी बना रहा था और अपने केस में कोर्ट में हाजिर होता था. लेकिन जब पैसे की जरूरत पड़ी और केस में पैसे कम पड़ रहे थे. इसके बाद वापस से पैसे की लालच में फिर से संगठन से जुड़ गया.
योगेंद्र गंजू कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है साथ ही कई मुठभेड़ का हिस्सा रह चुका है . गारु लातेहार इलाके में कटिया जंगल में जब पुलिस और नक्सली के बीच मुठभेड़ हुई थी उस दौरान पुलिसकर्मी भी मारे गए थे साथ ही इसने केंद्रीय कमेटी के सदस्य अरविंद जी के कहने पर शहीद हुए पुलिसकर्मियों के पेट में बम लगाने के लिए एक्सपर्ट को भी जंगल लेकर पहुंचा था. अब पूरे मामले में और भी कई लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.
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