धनबाद (DHANBAD) : खाड़ी के देशों से सोना तस्करी के एक से एक हथकंडे सामने आते रहे है. इधर, पता चला है कि दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से जिन लड़कों को छुड़ाया था, उनके पेट में सोना होने की पुष्टि हुई है. अब पुलिस सोना पेट से निकलवाने की कोशिश कर रही है. निश्चित रूप से दुबई से आए चार लड़कों के पास सोना होने की जानकारी बदमाशों को रही होगी. इस वजह से उन लोगों ने इनका अपहरण किया. लेकिन भांडा फूट गया और पुलिस ने एनकाउंटर कर बदमाशों के चंगुल से चार लड़कों को छुड़ा लिया. दरअसल, शुक्र शुक्रवार को दुबई और सऊदी से लौटे चार युवकों और कार चालक का अपहरण हो गया था. जिन्हें पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मुक्त कराया था.
गैंग के पर्दाफाश में भी जुट गई है पुलिस
अब पुलिस सिर्फ सोना निकालना ही नहीं, बल्कि गैंग का पर्दाफाश करने में भी लग गई है. पुलिस को संदेह है कि युवकों के पेट में सोना होने की जानकारी बदमाशों को रही होगी, लेकिन आखिर कैसे हुई होगी, यह बड़ा सवाल है. क्या चारों युवक सोना तस्करी गिरोह के सदस्य तो नहीं है? लोग बताते हैं कि खाड़ी देशों में जो सोना मिलता है, उसकी गुणवत्ता भारत से बेहतर होती है. तस्करी कर सोना लाने पर 14 पर्सेंट जीएसटी भी नहीं देना पड़ता है. हालांकि, इसके पहले क्रिकेट बैट, अंडरगारमेंट्स ,चॉकलेट रैपर, जूते के तलवा आदि में सोना छुपा कर लाने का खुलासा हो चुका है. कई ऐसे मामले भी देखने में आए हैं कि तस्कर सोने को पिघला कर छोटी-छोटी मात्रा में बांट देते हैं और उसे अपने शरीर में छुपा लेते है. कैप्सूल में सोना छुपा कर ले आते है.
भारत में सोने का है बड़ा डिमांड
सोने की भारत में बड़ी डिमांड है. निवेश के रूप में तो है ही, शादी-विवाह, पर्व -त्योहार में आभूषण के रूप में इसकी डिमांड अधिक होती है. 2023 में भारत में सोने की खपत 761 टन थी, जो 2024 में बढ़कर 800 टन से ऊपर पहुंच गई थी. चीन के बाद भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. जो भी हो, लेकिन सोने की तस्करी का नया-नया हथकंडा पुलिस को भी चौंका रहा है. सोने की तस्करी भी खूब होती है. 2024 में भारत में 4,869.6 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की तस्करी पकड़ी गई थी. एजेंसियां सोने की तस्करी पर लगाम लगाने की हर मुमकिन कोशिश करती हैं, लेकिन तू डाल-डाल, मैं पात-पात की तर्ज पर तस्कर भी तस्करी के एक से बढ़कर एक नई-नई, विचित्र और चौंकाने वाली तरकीबें ढूंढ लेते है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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