धनबाद (DHANBAD) : लीजिए-धनबाद में अब खून के "धंधे" का भी खुलासा हो ही गया. यानि  पैसे पर खून भी बिक रहा है. यह खुलासा किसी साधारण आदमी ने नहीं किया है, बल्कि धनबाद में स्वास्थ्य विभाग के सबसे बड़े अधिकारी सिविल सर्जन ने किया है. उनका दावा है कि धनबाद में ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर खून का एक तरह से "धंधा "किया जा रहा है. जिसका फायदा निजी अस्पताल उठा रहे है. उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया है कि एक कैंप में जब वह पहुंचे, तो पाया कि एक गरीब व्यक्ति से खून लिया जा रहा था.  उस व्यक्ति के खून को निजी अस्पताल को बेचने का उपक्रम किया गया था.  

सिविल सर्जन ने ऐसे ब्लड डोनेशन कैंप को गैर कानूनी बताया है और साफ चेतावनी दी है कि पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सिविल सर्जन ने कहा है कि बगैर अनुमति के रक्तदान शिविर का आयोजन करना गैरकानूनी है. सिविल सर्जन डॉक्टर आलोक विश्वकर्मा ने सभी आयोजकों से कहा है कि वह रक्तदान शिविर लगाने से पहले सिविल सर्जन कार्यालय को लिखित सूचना दें और इसकी अनुमति प्राप्त करे. उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि हर दो-तीन दिन में रक्तदान  शिविर आयोजित हो रहे है. लेकिन अधिकांश आयोजको  द्वारा ना तो सूचना दी जाती है और नहीं अनुमति ली जाती है.

उन्होंने बताया कि एक शिविर में उन्होंने पाया कि गरीब डोनरों  से खून लेकर उसे निजी अस्पतालों या व्यावसायिक उपयोग के लिए इकट्ठा किया जा रहा था. ऐसे में जब डोनर को स्वयं खून की जरूरत पड़ती है, तो उसे पैसे देकर निजी अस्पतालों से लेना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में जरूरतमंदों को एक्सचेंज पर निशुल्क खून दिया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि सदर अस्पताल में ब्लड स्क्रीनिंग यूनिट लगेगी, इससे ब्लड बैंक की तरह यहां भी ब्लड की स्क्रीनिंग हो सकेगी. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो