टीएनपी डेस्क(TNP DESK): सावन महीना भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है. सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो गया है जो कि 12 अगस्त को समाप्त होगा. धार्मिक दृष्टि से ये महीना बहुत ही शुभ माना जाता है. श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा अर्चना पूरे विधि-विधान से की जाती है. सावन में चारों तरफ हरियाली छाई हुई रहती है. जिस कारण सावन माह में हरे रंग का अपना अलग ही आकर्षण होता है. ऐसा माना गया है कि सावन के सोमवार को हरे रंग का वस्त्र धारण करते हुए भगवान की आराधना करने से भक्तों के सभी कष्ट मिट जाते हैं, और साथ ही उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है. सावन महीने में हर ओर हरियाली छा जाती है और खेतों में धान सहित अन्य फसलों की बुआई शुरू की जाती है.
प्रकृति से जुड़ा है सावन का महीना
प्रकृति की दृष्टि से इस महीने को महत्वपूर्ण माना जाता है. वर्षा ऋतु के आते ही खेतों में धान सहित अन्य फसलों की बुआई शुरू की जाती है. साथ धरती पर चारों ओर हरियाली छा जाती है और लोग सावन महीने के स्वागत में लग जाते हैं. देश के विभिन्न प्रांतों में इस दिन स्त्रियां और बालिकाएं हाथों में मेहंदी रचा कर झूला झूलते हुए अपना उल्लास प्रकट करती हैं.
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प्रेम और खुशहाली का प्रतीक है हरा रंग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्योतिष विज्ञान में बुध ग्रह हरे रंग का प्रतिनिधित्व करता है. हरे रंग को धारण करने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है. ऐसे में धन लाभ और कुशाग्र बुद्धि की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि हरा रंग प्रेम, प्रसन्नचित्त और खुशहाली का प्रतीक होता है. सावन महीने में हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनने से भगवान शिव और मां पार्वती प्रसन्न होते हैं. साथ ही ये भी मान्यता है कि हरा रंग पति-पत्नी के बीच प्रेम को बढ़ाने के योग्य है.
सावन में हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े का है विशेष महत्व
सावन में पड़ने वाले त्योहारों पर विवाहित महिलाएं माता पार्वती को सुहाग का श्रृंगार भी अर्पित करती हैं, जिसमें हरे रंग की चूड़ियां विशेष रूप से अर्पित की जाती है. सावन में हरे रंग को सौन्दर्य और सुहाग का प्रतीक भी माना गया है. इसलिए सावन में पड़ने वाले व्रत त्योहारों में हरे रंग के कपड़े और हरी चूड़ियां पहनने की परंपरा है. माना जाता है कि यदि कुंवारी लड़कियां सावन के महीने में शिव जी कि पूजा करती हैं तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है.
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