धनबाद (DHANBAD) : धनबाद राजनीतिक रूप से शुरू से ही "सेंसिटिव" रहा है. यहां के लोगों की अपनी राजनीतिक समझ भी है. वह अपने ढंग से देश और प्रदेश की राजनीति को समझते है. फिलहाल धनबाद में नगर निगम चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है. मेयर सीट  "म्यूजिकल चेयर" बनने जा रहा है. उम्मीदवारों की लंबी फौज है, लेकिन एक नियम भी है और हो सकता है कि इस नियम से कई लोग चुनाव से डिबार भी हो जाए. सूत्र बताते हैं कि जिनके तीन बच्चे हैं, वह चुनाव नहीं लड़ सकता है. लेकिन शर्त  है कि 2013 के बाद तीसरे बच्चे का जन्म हुआ हो. 

2013 के बाद तीसरे बच्चे का आकड़ा निकलने में जुटे विरोधी 
 
अब यह आंकड़ा फिलहाल निकालना तो मुश्किल है कि जो लोग चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं, उन्हें 2013 के बाद क्या कोई बच्चा पैदा हुआ है अथवा नहीं. लेकिन अगर हुआ है तो चुनाव से वह डिबार हो सकते है. 2013 के पहले जिन्हें तीन बच्चे हैं, उन पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी. बताया तो यह भी जाता है कि पार्षद के चुनाव में भी अगर कोई निगम की तीन बैठकों में शामिल नहीं हुआ हो, तो उसे भी चुनाव से अलग कर दिया जा सकता है.  हालांकि तीन बैठक में शामिल नहीं होने की उन्हें कोई प्रमाणिक वजह बतानी होगी. 

धनबाद में फिलहाल "गाछे  कठहर,ओठे तेल" वाली कहावत चरितार्थ हो रही है

धनबाद में फिलहाल "गाछे  कठहर,ओठे तेल" वाली कहावत चरितार्थ हो रही है.  चुनाव आयोग अभी तक झारखंड में निकाय चुनाव की तिथि की घोषणा नहीं की है.  अधिकृत रूप से यह भी घोषित नहीं हुआ है कि धनबाद का मेयर पद सामान्य होगा या आरक्षित होगा.  बावजूद प्रत्याशियों की सक्रियता तेज हो गई है.  संवाददाता सम्मेलन का दौर जारी है, बैठकें  चल रही है.  उम्मीदवार खुद को मेयर प्रत्याशी बता रहे है.  ऐसे प्रत्याशियों की संख्या लगातार बढ़ रही है.  यह  अलग बात है कि सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में   इस मामले की सुनवाई हुई और झारखंड हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को 24 नवंबर तक निकाय चुनाव की तिथि बताने को कहा है. 

जनवरी या फ़रवरी में चुनाव हो सकता है, यह उम्मीद की जा रही है 
 
मतलब यह निकला जाना चाहिए कि जनवरी या फ़रवरी में चुनाव हो सकता है. यह बात भी तय  है कि निकाय चुनाव वैलेट  पेपर से ही होगा. एक वोटर को दो मत पत्र मिलेंगे. मेयर, नगर परिषद अध्यक्ष और नगर पंचायतअध्यक्षों के लिए हल्का गुलाबी मतपत्र होगा, जबकि वार्ड सदस्यों के लिए सफेद मत पत्र होंगे. दो अलग-अलग  बॉक्स में यह मत पत्र डालने होंगे. धनबाद में 2006 में नगर निगम का गठन हुआ था. 2010 में पहली बार निगम का चुनाव हुआ ,जिसमें इंदु देवी मेयर चुनी गई. उस समय यह  सीट महिलाओं के लिए आरक्षित था. उसके बाद 2015 में चुनाव हुआ, जिस समय चंद्र शेखर अग्रवाल मेयर चुने गए.  उस समय यह सीट ओबीसी के लिए आरक्षित था. उस वक्त कुल 23 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. 

किनको कितना मत मिले थे ,उसका डिटेल्स कुछ ऐसा था ---

1- अवधेश कुमार -24598,2 -उत्पल कुमार मोदी -9712,3 -कुणाल सिंह- 8185,4 -गणपत महतो -11501,5 -गणेश कुमार गुप्ता -10849,6 -चन्द्र शेखर अग्रवाल -93136,7 -दिनेश कुमार महतो- 25939,8 -दीना नाथ ठाकुर -8676,9 - प्रदीप कुमार संथालिया- 6258,10- प्रहलाद साव -6391,11- भृगु नाथ भगत 9367,12 -मणिलाल महतो -5875,13- मेघनाथ रवानी -6313,14- रजनीश कुमार- 6432,15- रवीन्द्र कुमार वर्मा -6666,16 -राज कुमार अग्रवाल -29081,
17- रामचंद्र रवानी -4633,18 -शमसेर आलम अंसारी- 50611,19 -सदानन्द महतो- 35593,20 -सन्तोष कुमार महतो- 15367,21- संतोष कुमार साव -4501,22 -सुरेश प्रसाद यादव- 5351,23 -सुशील कुमार सिंह -13293,24 -नोटा -7755

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो