धनबाद(DHANBAD) : बोकारो वन भूमि घोटाले की जांच तेज हो गई है. बोकारो-चास के तेतुलिया मौजे की जमीन की प्रकृति बदलकर घोटाला किया गया है. उसमें कई लोगों की गर्दन फ़ंसनी तय मानी जा रही है. बुधवार को ईडी की टीम ने जहां बोकारो के अपर समाहर्ता कार्यालय में कागजात खंगाला, वहीं एक दूसरी टीम धनबाद के बंदोबस्त कार्यालय पहुंची थी. दरअसल, धनबाद ऑफिस से ही चास और चंदनकियारी का सर्वे सेटलमेंट होता है. इसी वजह से ईडी की टीम धनबाद बंदोबस्त कार्यालय पहुंची थी. सूत्र बताते हैं कि ईडी  की टीम कुछ कागजात भी लेकर गई है. हालांकि यह भी बताया जाता है कि जिन लोगों की इसमें भूमिका  है,उनका तबादला हो गया है. सूत्रों के अनुसार ईडी  की टीम ने जमीन के  खतियान  की जांच की.  मूल दस्तावेज को देखा.  

टीम जानने की कोशिश कर रही है प्रकृति बदल कैसे बेची गई जमीन 

टीम यह जानने की कोशिश कर रही थी कि आखिर कैसे वन विभाग की जमीन की प्रकृति बदलकर उसे बेची गई. इधर, बोकारो में ईडी की टीम डीसी ऑफिस स्थित अपर समाहर्ता कार्यालय में जमीन संबंधी कागजात की जांच- पड़ताल की. प्रवर्तन निदेशालय केअधिकारियों ने जमीन की वास्तविक स्थिति और उसके विचलन को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की. बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षक रुद्र प्रताप सिंह की शिकायत पर फॉरेस्ट एक्ट के तहत बोकारो सेक्टर 12 थाने में पिछले साल मुकदमा दर्ज किया गया था. फिलहाल इसकी सीआईडी जांच चल रही थी और इसी मामले को ईडी  ने टेकओवर किया. इस मामले को लेकर धनबाद के रजिस्ट्रार और धनबाद के डीटीओ के आवास पर भी छापेमारी की गई थी. 

धनबाद के एक अधिकारी के घर छह महीने में दूसरी बार पहुंची थी ईडी 

धनबाद के एक ऐसे अधिकारी हैं, जिनके घर प्रवर्तन निदेशालय की टीम 6 महीने में दूसरी बार रेड की. धनबाद में पदस्थापित डीटीओ चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी के साथ ऐसा हुआ है. मंगलवार को भी ईडी  की टीम पहुंची. इसके पहले 8 अक्टूबर 2024 को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दिवाकर चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी के फ्लैट को खंगाल था. रांची में हुए जमीन घोटाले के मामले में पहली बार ईडी ने उनके घर दबिश दी थी. इसके बाद मंगलवार को फिर खंगला गया. डीटीओ  चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी चास के साथ-साथ रांची के भी सीओ रह चुके है. बता दें कि बोकारो के वन प्रमंडल प्रभारी ने बोकारो सेक्टर 12 थाने में तेतुलिया मौजा की 100 एकड़ से अधिक वन भूमि घोटाले से संबंधित प्राथमिकी   दर्ज कराई थी.  इस मामले की जांच सीआईडी कर रही थी. तभी प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले को टेकओवर किया.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो