रांची (RANCHI)  : झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र बुलाया जा सकता है. इस सत्र की आवश्यकता महसूस की जा रही है, क्योंकि राजभवन ने कई विधेयकों को लौटाया है. सरकार उन्हें पास कराना चाह रही है. राजभवन ने साफ तौर पर आदेश दिया है कि विधानसभा से पारित विधेयकों में संशोधन को फिर से सदन से पास कराना होगा. इसके लिए सरकार को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना ही होगा. या फिर मानसून सत्र का इंतजार करना होगा.

हिंदी-अंग्रेजी का घालमेल

जानकार बताते हैं कि राजभवन ने लौटाए गये विधेयकों के हिन्दी और अंग्रेजी वर्जन में त्रुटि पायी है. इन त्रुटियों में कुछ तथ्यात्मक त्रुटियां हैं. ताजा मामला है कृषि उपज और विपणन विधेयक का. राजभवन ने कमेंट किया है कि विधेयक के हिन्दी और अंग्रेजी की अनुदित कापियों में अंतर है. इन्हें फिर से सदन के रास्ते राजभवन भेजा जाना चाहिए.

तीन प्रमुख विधेयकों को लौटाया है राजभव ने

इससे पहले भी राज्यपाल ने प्रमुख विधेयकों को सरकार को लौटा दिया था. माब लिंचिंग से जुड़ा विधेयक जो शीतकालीन सत्र में पारित हुआ था, उसे भी राज्यपाल रमेश बैस ने सरकार को लौटा दिया. परिणामी वरियता से जुड़े विधेयक को भी राज्यपाल ने लौटा दिया था. राजभवन इन सब मामले में काफी सक्रिय है. पहले यह होता था कि अगर किसी विधेयक में कुछ त्रुटियां हैं तो उन्हें विभाग ठीक कर देता था और राजभवन भेज देता था. उसे स्वीकर कर लिया जाता था.

जून के अंत में बुलाया जा सकता है विशेष सत्र

इसलिए यह संकेत है कि पंचायत चुनाव के बाद राज्य सरकार झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो विशेष सत्र जून के अंत में बुलाया जा सकता है. राजभवन ने यह भी कहा है कि सरकार को वैसे अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो इस तरह की लापरवाही बरतते हैं.