कैमूर(KAIMUR): जिले के भगवानपुर में आयोजित किसान संगोष्ठी को बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरे विभाग के अधिकारी भ्रष्ट हैं, 25 से 50 हजार की वसूली करते हैं. लेकिन जल्द ही सारे अधिकारी ठीक हो जाएंगे. उन्होंने एक वाक्या का जिक्र करते हुए कहा कि एक पेट्रोल पंप पर रात के 10:00 बजे के करीब माप तौल अधिकारी 10 लीटर तेल लिया. पेट्रोल पंप कर्मी ने जब पैसे की मांग किया तो उसने कहा कि रजिस्टर पर लिख दीजिए, शिकायत मिलते ही संज्ञान लिया. वह अधिकारी आज की तारीख में निलंबित हो गए हैं. लेकिन जब भी वह दिखाई दे तो उसे आप लोग जूता से पीटिएगा. उस भ्रष्ट अधिकारी के बदले में एक ईमानदार अधिकारी आ रहा है.
कृषि मंत्री ने कहा कि सब्सिडी नाम की बीमारी को खत्म करना है. क्योंकि सब्सिडी एक दो के लिए नहीं सभी के लिए आती है. इसका फायदा एक दो लोग ही उठा पाते हैं. अब सब्सिडी का पैसा बाजार समिति और मंडी बनाने में खर्च किया जाएगा. उन्होंने घोषणा किया कि कैमूर जिले के नक्सल प्रभावित प्रखंड अधौरा में चार मंडी बनेगा. एक मंडी पहाड़ के नीचे मकड़ी खोह में यहां केवल सब्जी की मंडी लगेगी. सब्जी का उत्पादन करने वाले किसान मंडी में सब्जी लेकर आएंगे और व्यवसाई छोटी बड़ी गाड़ियों से सभी को खरीदकर बिक्री के लिए बाहर ले जाएंगे.
वहीं, दूसरा मंडी अधौरा मार्केट में बनेगा और तीसरा मंडी अधौरा प्रखंड के सबसे ऊपरी भाग में. आगे उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर के वैज्ञानिकों से लेकर देशस्तर के वैज्ञानिकों से मैं सलाह ले रहा हूं कि पानी लगे खेतों में धान की फसल की कटाई कैसे हो. किस तरह का हार्वेस्टर बनाया जाए ताकि पानी में लगी फसल की कटाई कर सकें. अपने विभाग के बीज पर आरोप लगाया कि बीज निगम द्वारा किसानों को फर्जी बीज दिया गया. समय से पहले ही बीज में बालियां लग गई और फसल की गुणवत्ता काफी खराब है. एक सप्ताह के भीतर पूरे मामले की जांच होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उनहोंने कहा कि यह सिस्टम पिछले 17 सालों से जर्जर हो गया है. लेकिन किसानों के हित में एक दर्जन योजनाएं लेकर मैं आ रहा हूं. कृषि से जुड़े लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि कृषि मंत्री के तौर पर एक महीने काम करते हुए लेकिन इस एक महीने में पूरे बिहारभर में 3000 खाद की दुकानों में ताला लगवाया है, उन दुकानों से फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था. हकीकत यह है कि मेरे कार्यकाल में किसी भी उर्वरक की दुकान पर लाइन नहीं लगी, मैं एक एप्प लाने जा रहा हूं उस एप्प से पता चल जाएगा कि आपके जिले और प्रखंड में उर्वरक की दुकानों में कितनी मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है.
तीन साल के भीतर किसानों से जुड़ी बुनियादी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. किसानों की दुर्दशा पर कहा कि सैकड़ों सालो से किसान खेती करते आ रहे हैं. तब उर्वरक नहीं था ना वैज्ञानिक थे ना कृषि अनुसंधान केंद्र थे. किसान अनाज का उत्पादन करते करते दुबले पतले हो गए और इसका उपयोग करने वाले लोग मोटे हो गए. पूरे सिस्टम को दुरुस्त करने में वक्त लगेगा लेकिन निश्चित तौर पर किसानों की समस्या का समाधान होगा, किसानों की आय दोगनी होगी.
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