सिवान(SIWAN): बिहार के सिवान सदर से लगातार तीन बार विधायक रहे भाजपा के व्यासदेव प्रसाद पर चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है. चुनाव आयोग ने उनके चुनाव लड़ने पर 3 साल के लिए किया बैन लगा दिया है. इस फैसले के बाद वो देश के किसी भी हिस्से से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.

चुनाव का ब्यौरा जमा नहीं कराया

दरअसल, सदर के पूर्व भाजपा विधायक व्यासदेव प्रसाद पर आरोप गठित है कि उन्होंने आयोग द्वारा लगातार तीन बार नोटिस भेजने के बावजूद भी चुनाव का ब्यौरा जमा नहीं कराया. जिसके बाद चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा-10 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें 3 साल के लिए बैन कर दिया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने एक अन्य स्वतंत्र प्रत्याशी नेमतुल्लाह आजाद पर भी यह कार्रवाई की है.

बता दें कि चुनाव आयोग ने यह फैसला 28 जुलाई 2021 को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सिवान के प्रतिवेदन और बिहार निर्वाचन आयोग की ओर से दिए गए प्रतिवेदन के आलोक में लिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने सिवान विधानसभा क्षेत्र से 2020 के चुनाव में अपना व्यय विवरण जमा नहीं कराया था.  

सदर सीट पर 15 साल रहा भाजपा विधायक व्यासदेव प्रसाद का कब्जा

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के अवध बिहार चौधरी को सिवान से टिकट दिया था. वो वर्तमान समय में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष हैं. उन्होंने सिवान से दो बार सांसद रहे भाजपा के ओमप्रकाश यादव को मात दी थी. 2020 के चुनाव में सिवान सीट से बीजेपी ने सीटिंग विधायक व्यासदेव प्रसाद का टिकट काटकर ओमप्रकाश को उम्मीदवार बनाया था. हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली, जिसकी वजह से 2020 का चुनाव व्यासदेव प्रसाद ने स्वतंत्र रूप से लड़ा था.