रांची(RANCHI): झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने झारखंड पार्टी (झापा) की विधिवत सदस्यता ग्रहण की. अजीत कुमार को पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष बनाया गया है. पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकताओं ने अजीत कुमार का उनके आवास पर स्वागत किया. पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने झारखंड पार्टी का दामन थाम लिया. इसकी जानकारी पहले ही झापा के प्रधान महासचिव अशोक कुमार भगत ने दी थी.
बता दें कि राज्य के जानेमाने वकील भाजपा के रघुबर सरकार में एडवोकेट जनरल बनाए गए थे. उन्हें भजपा का करीबी माना जाता रहा था. कहीं भाजपा झामुमो के खतयानी हमला को नाकाम करने और हेमंत सरकार के खतियान पॉलिटिक्स की हवा निकलने के लिए झारखंड पार्टी के सहारे कोई नया दांव खेलने की योजना तो नहीं है ! क्योकि भाजपा पर पहले भी बी टीम बनाकर राजनीति करने का आरोप लगता रहा है .
वहीं, आज यानी 24 सितंबर को डिबडीह स्थित मैरेज हॉल में एक दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सह मिलन समारोह का आयोजन हुआ. जिसमें पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार के अलावा जय झारखंड अभियान के सदस्य संतोष महतो ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
बता दें, आज 24 सितंबर को पूर्व घोषणा के अनुसार डिबडीह स्थित झापा के कार्यक्रम में कई लोगों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इससे पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले बिरसा चौक स्थित भगवान बिरस मुंडा की प्रतीमा पर माल्यापर्ण किया. इसके बाद अपने सहयोगों के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे. जहां पार्टी की ओर से उनका स्वागत हुआ. कार्यक्रम में पार्टी को नए सिरे से गति देने व आगामी चुनाव सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. जिसमें वक्ताओं ने कहा कि खतियान आधारित स्थानीय नीति के मामले में सरकार के द्वारा नौटंकी नहीं होना चाहिए. इसे कानून बनाकर धरातल पर लाना होगा. झापा खानदानी खतियानी पार्टी है. THE NEWS POST से बात करते हुए उन्होंने कहा कि झारखण्ड पार्टी गांव-गांव जाकर ग्रासरूट लेवल पर कार्य करेगी. पार्टी विज़न के साथ ब्लू प्रिंट बनाकर कार्य करेगी और राज्य की भोली भाली जनता को ठगने का कार्य अन्य पार्टियां करती है या गुमराह करती है उससे लोगों को भी जागरूक करेगी. उन्होंने कहा कि झारखण्ड पार्टी सबसे पुरानी पार्टियों में से एक है.
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