टीएनपी डेस्क(TNP DESK): कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले कई दिनों से भारत जोड़ो यात्रा पर हैं. इसी दौरान आज यानी शनिवार को उन्होंने कर्नाटक में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान उन्होंने RSS, सांवरकर, नई शिक्षा नीति, पीएफआई और नए बनने वाले कांग्रेस अध्यक्ष पर बेबाकी से अपनी बात रखी. वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने आरएसएस और सावरकर पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दोनों पैसे लेकर ब्रिटिशर्स की मदद कर रहे थे. आपको बता दें कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस भारत जोड़ो यात्रा के बीच में राहुल गांधी ने की है.   

अंग्रेजों से सावरकर को मिलता था पैसा 
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस और सावरकर पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि संघ और सावरकर अंग्रेजों की मदद कर रहे थे. उसके बाद उन्होंने कहा कि सावरकर को अंग्रेजों से पैसा मिलता था और आरएसएस उनका साथ देते थें. राहुल गांधी ने वर्तमान सरकार पर भी जमकर हमला बोला. वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि देश की आजादी के लिए कांग्रेस ने अहम भूमिका निभाई है. 

PFI पर भी दिया बयान
पीसी के राहुल गांधी ने पीएफआई के मुद्दे पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि 'मेरा मानना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि नफरत फैलाने वाला व्यक्ति कौन है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस समुदाय से आते हैं, नफरत और हिंसा फैलाना एक राष्ट्र विरोधी काम है और हम ऐसे लोगों के खिलाफ लड़ेंगे.'

NEP के विरोध पर भी दिया जवाब
पीसी के दौरान राहुल गांधी से पूछा गया कि आप नई शिक्षा नीति (New Education Policy) का विरोध क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि ‘नई शिक्षा नीति हमारे देश के लोकाचार पर हमला है, यह हमारे इतिहास को विकृत करती है. यह नीति कुछ लोगों के हाथ में शक्ति केंद्रित करता है.’

रिमोट से नहीं चलेंगे कांग्रेस अध्यक्ष 
राहुल गांधी ने पीसी के दौरान कहा कि कांग्रेस के जो भी नए अध्यक्ष होंगे, उन्हें रिमोट कंट्रोल से चलने वाला कहना अपमान है. अध्यक्ष पद के लिए जिन्होंने नामांकन दाखिल किया है वे सभी सक्षम हैं और गांधी- नेहरु परिवार का कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा.

अडाणी के खिलाफ नहीं, मोनोपॉली के खिलाफ हूं
राजस्थान में अडाणी समूह के इन्वेस्टमेंट करने के सवाल पर भी राहुल बोले, उन्होंने कहा कि ‘वो कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं हैं बल्कि मोनोपॉली के खिलाफ हैं. राजस्थान में प्रक्रिया के हिसाब से वहां सब कुछ सही है. सरकार ने कोई पावर यूज कर वहां अडानी को फायदा नहीं पहुंचाया है. अगर, कभी फायदा पहुंचाया जाएगा, तो वो सबसे पहले विरोध करेंगे.